संविधान बचाओ मंच की ओर से हल्द्वानी में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 72 घंटे का सत्याग्रह शनिवार से शुरू किया गया है। शुरुआत संविधान प्रस्तावना का सामूहिक पाठ कर की गई। जनकवि बल्ली सिंह चीमा समेत तमाम लोगों ने कहा कि संविधान की रक्षा जरूरी है। इसके लिए सभी को आगे आना होगा और जनविरोधी कानूनों का बहिष्कार करना होगा। मंच का धरना रविवार को भी जारी है।
प्रचंड विरोध को देखते हुए सीएए वापस ले सरकार
बुद्ध पार्क में शनिवार को आयोजित धरने को संबोधित करते हुए कामरेड राजा बहुगुणा ने कहा कि देश में हो रहे प्रचंड विरोध को देखते हुए मोदी सरकार को नागरिकता संशोधन कानून को वापस ले लेना चाहिए। बड़ी मस्जिद के इमाम सैय्यद इरफान रसूल ने कहा कि हमारे देश का संविधान भाईचारे, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता, न्याय, स्वतंत्रता की मूल भावना पर आधारित है, जिसकी इस सरकार द्वारा उपेक्षा की जा रही है।
आज की स्थिति आपातकाल की दिला रही याद
विख्यात जनकवि बल्ली सिंह चीमा ने कहा कि मोदी राज में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जिस तरह से अंकुश लगाने की कोशिशें हो रही हैं, वह आपातकाल की याद दिला रही हैं। जनता के पक्ष में खड़े होकर आवाज उठाने वाले कवि, लेखक, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों, प्रोफेसरों, कलाकारों और छात्रों को देशद्रोही घोषित किया जा रहा है।
धरना-प्रदर्शन में ये रहे मौजूद
इस अवसर पर पार्षद शकील अंसारी, जीआर टम्टा, नफीस अहमद खान, किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी, अब्दुल कादिर, अलीम खान, सिराज अहमद, हाजी मतीन सिद्दीकी, शोएब अहमद, बहादुर सिंह जंगी, एडवोकेट अंजू राज, एडवोकेट बसंत कुमार समेत महिलाएं भी शामिल थी। वक्ताओं ने कहा कि जनविरोधी फैसलों के खिलाफ अब संगठित होने का वक्त आ गया है।