
गंगोत्री का पतित पावन मंदिर अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता हैं और यदि आप गंगोत्री घूमने जा रहे हैं तो क्यों ना आप इससे 20 किलोमीटर दूर स्थित मिनी स्विट्ज़रलैंड की खूबसूरत वादियों और मनमोहक नज़ारों से परिपूर्ण हर्षिल के बारे में थोड़ा जान लें. वैसे तो हर्षिल का वर्णन सिर्फ एक वाक्य में हो सकता हैः आर्श्ययजनक .

यह जगह इसलिए अद्भुत मानी जाती हैं क्योंकि यहाँ की वादियों का नज़ारा बहुत ही मनोरम हैं. वैसे तो इस जगह की कई ऐसी खूबियाँ हैं, जो आपको यहाँ पर आने को मजबूर कर देंगी .हम आपको इसकी कुछ विशेषता के बारे में जरूर बता दे जिनको जानकर आप खुद को यहाँ आने से रोक नहीं पाएंगे .

हर्षिल हिमाचल प्रदेश के बस्पा घाटी के ऊपर स्थित एक बड़े पर्वत की छाया और भागीरथी नदी के किनारे तथा जलनधारी गढ़ के संगम पर एक घाटी में अवस्थित है जहाँ आपको लमखागा दर्रे जैसे कई रस्ते मिलेंगे जो आपके सफर को ओर मनोरंजक बना देंगे . इसके अलावा यह अपने प्राकृतिक सौंदर्य एवं मीठे सेब के लिये भी मशहूर है.

हर्षिल के आकर्षण में हवादार एवं छाया युक्त सड़क, लंबे कगार, ऊंचे पर्वत, कोलाहली भागीरथी, सेबों के बागान, झरनें, सुनहले तथा हरे चारागाह आदि शामिल हैं.इसकी खूबसूरती से प्रभावित होकर हिंदी फिल्मों के शोमैन राजकपूर ने फिल्म “राम तेरी गंगा मैली” की ज्यादातर शूटिंग यही हुई हैं . वैसे तो यहाँ पूरा दिन पर्यटकों का ताँता लगा रहता हैं पर यहाँ पर रात को रुकने की अनुमति किसी को नहीं हैं शायद इसी कारण से हर्षिल की खूबसूरती पूरी तरह से सबके सामने नहीं आ पायी हैं .
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