हरीकेन दुनिया के लिए विनाशकारी हो सकता है, ट्रंप का विचार है इसको रोकने का…

दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड गंभीर विषयों पर अपने अगंभीर विचार के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि हर साल अमेरिका को करोड़ों डॉलर का नुकसान पहुंचाने वाले हरीकेन जैसे समुद्री तूफानों को परमाणु बम मारकर क्यों न खत्म कर दिया जाए।

विचार तो बहुत उत्तम है, लेकिन यह आपके मकसद को पूरा करने में ट्रंप कार्ड साबित नहीं होगा। अमेरिकी संस्था नेशनल ओसियानिक एंड एटमॉस्सफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने ट्रंप के इस विचार को विनाशकारी बताया है। उसका कहना है कि संभवत: हरीकेन से उतनी तबाही नहीं होगी जितनी हरीकेन पर परमाणु हमले के बाद हो सकती है।

अमेरिका को चपत
हर साल अमेरिका का पूर्वी तट इस तरह के भयावह समुद्री तूफानों से दो चार होता है। इनके आने की सर्वाधिक आशंका सितंबर में होती है जब समुद्र का तापमान सर्वाधिक होता है। वर्तमान में उष्णकटिबंधीय तूफान डोरियन कैरेबियाई आइलैंड्स की तरफ से बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में अमेरिका के प्यूर्टो रिको को चपेट में ले सकता है।

परमाणु हमले का नतीजा

अगर हरीकेन को रोकने के लिए परमाणु हमला किया गया तो रेडिएशन इस तूफान के दायरे से भी बाहर निकलकर सब कुछ तबाह कर सकता है। इससे निकलने वाली गामा किरणें इंसानी शरीर की कोशिकाओं को नष्ट कर सकती हैं। 1986 में चेर्नोबिल पावर प्लांट की घटना से हवा में फैले विकिरण के चलते लोगों को 1500 मील के दायरे से बाहर होना पड़ा था। अगर अमेरिका हरीकेन को रोकने के लिए परमाणु हथियार का इस्तेमाल करता है तो कैरेबियाई देशों के साथ मेक्सिको की खाड़ी से सटे देश भी प्रभावित हो सकते हैं।

 

हाहाकार मचा सकती है हरीकेन की ऊर्जा
पूरी तरह विकसित किसी हरीकेन से इतनी ऊर्जा अवमुक्त होती है जितनी 10 मेगाटन के परमाणु बमों के हर 20 मिनट पर किए जाने वाले विस्फोट में निकलेगी। 1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए ‘लिटिल ब्वाय’ नामक बम से यह 666 गुना ज्यादा बड़ा होगा। इसलिए हरीकेन की ताकत को खत्म करने के लिए करीब 2000 ‘लिटिल ब्वाय’ जैसे परमाणु बमों की जरूरत होगी। अभी तक जो सबसे ज्यादा क्षमता के बम का परीक्षण हुआ है उसे 1961 में रूस ने किया था। जार बंबा नामक इस हाइड्रोजन बम की क्षमता 50 मेगाटन थी।

पुराना है विचार 
1959 में सैंडिया नेशनल लेबोरेटरीज के मौसम विज्ञानी रहे जैक रीड ने यह संभावना व्यक्त की थी कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से भयावह तूफानों को रोका जा सकता है। सैद्धांतिक रूप से उन्होंने बताया कि इस तरीके से गर्म हवा को ऊपर भेजकर और तूफान के केंद्र से उसे बाहर करके उसे रोका जा सकता है। इससे ठंडी हवा खाली स्थान को भर लेगी। ऐसा दो तरीकों से किया जा सकता है। परमाणु बम ऊपर से हरीकेन के केंद्र में गिराया जा सकता है या फिर पनडुब्बी के इस्तेमाल से मिसाइल दागकर इस काम को किया जा सकता है।

 

तूफान आने की वजह
गर्म क्षेत्रों के समुद्र में सूर्य की भयंकर गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायुदाब का क्षेत्र बना देती है। हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है और ऊपर की नमी से संतृप्त होकर संघनन से बादलों का निर्माण करती है। रिक्त स्थान को भरने के लिए नम हवाएं तेजी के साथ नीचे जाकर ऊपर आती हैं। फलस्वरूप ये हवाएं बहुत ही तेजी के साथ उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमकर घने बादलों और बिजली कड़कने के साथ-साथ मूसलाधार बारिश करती हैं। कभी-कभी इन हवाओं का दायरा हजारों किमी में होता है।

क्या है समुद्री तूफान
कम वायुमंडलीय दाब के चारों ओर गर्म हवाओं की तेज आंधी को समुद्री तूफान कहते हैं। दक्षिणी गोलाद्र्ध में इसे चक्रवात के नाम से जानते हैं और ये घड़ी की सुई केचलने की दिशा में चलते हैं। उत्तरी गोलाद्र्ध में इसे हरीकेन या टाइफून कहा जाता है। ये घड़ी की सुई के विपरीत दिशा में घूमते हैं।

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