हरियाणा : सीएम ने की बड़ी घोषणा- अब झज्जर बनेगा पुलिस कमिश्नरेट

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन तीन बड़ी घोषणाएं कीं। हरियाणा में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए अब झज्जर जिले को भी पुलिस कमिश्नरेट बनाया जाएगा। यह प्रदेश की पांचवीं पुलिस कमिश्नरी होगी। इसके अलावा, आंदोलन कर रहे सब्जी मंडी आढ़तियों को राहत देते हुए एक प्रतिशत एचआरडीएफ (हरियाणा ग्रामीण विकास निधि) भी माफ कर दिया। अब सब्जी मंडी आढ़तियों को केवल एक प्रतिशत मार्केट फीस ही देनी होगी। पहले आढ़तियों को एक प्रतिशत मार्केट फीस और एक प्रतिशत एचआरडीएफ दोनों देने पड़ते थे।

झज्जर के बहादुरगढ़ में पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या के बाद से विपक्षी विधायक सरकार की घेराबंदी कर रहे हैं। सोमवार को सदन में बादली से कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स, झज्जर से विधायक गीता भुक्कल समेत अन्य विधायकों ने आरोप लगाया था कि झज्जर में लगातार अपराध की वारदात बढ़ रही हैं और गैंगवार हो रही है। 

पिछले साल कुलदीप वत्स, सोनीपत के विधायक सुरेंद पंवार समेत छह विधायकों को धमकी भरे फोन आए थे। बजट पर चर्चा के बाद जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने झज्जर को पुलिस कमिश्नरेट बनाने का एलान किया। उन्होंने कहा कि विधायकों की मांग और सुझाव पर ऐसा किया जा रहा है। पिछले साल ही सोनीपत को भी पुलिस कमिश्नरेट बनाया गया था। 

पंचकूला, गुरुग्राम, फरीदाबाद में पहले से ही कमिश्नरेट हैं। इनके अलावा, प्रदेश में चार पुलिस रेंज हैं। इनमें करनाल, हिसार, रोहतक और साउथ रेंज आती हैं। यहां आईजी स्तर के अधिकारी तैनात होते हैं और जिलों के एसपी समन्वय स्थापित कर सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार करती हैं।

सब्जी आढ़तियों से हो गई सरकार की सहमति

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और सब्जी मंडी आढ़तियों के बीच सहमति बन गई है। अब आढ़तियों को केवल एक प्रतिशत मार्केट फीस ही देनी होगी और एचआरडीएफ माफ होगा। पिछले दो सालों यानी वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान वास्तविक मार्केट फीस के औसतन का एकमुश्त भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर कोई एक प्रतिशत के हिसाब से ही भुगतान करना चाहता है तो वो भी कर सकता है। आढ़तियों के पास दोनों विकल्प होंगे।

70 साल बाद हिसार के चार गांवों के 2719 परिवारों को मिलेगा मालिकाना हक

राजकीय पशुधन फार्म, हिसार के 4 गांवों ढंढूर, पीरावांली, बीड़ बबरान और झिड़ी में खेती के लिए आवंटित की गई जमीन पर 1954 से मकान बनाकर रह रहे लोगों को अब मालिकाना हक दिया जाएगा। यहां 2,719 घर हैं। इनमें से 1,831 मकान ऐसे हैं, जो 250 वर्ग गज में बने हैं। ऐसे मकान मालिकों को अब 2000 रुपये प्रति वर्ग गज के अनुसार भुगतान करना होगा। इसी प्रकार, 250 वर्ग गज से 1 कनाल तक के 742 घर हैं, उन्हें 3000 रुपये प्रति वर्ग गज, 1 कनाल से 4 कनाल तक के 146 परिवार हैं, उन्हें 4000 रुपये प्रति वर्ग गज का भुगतान करना होगा। इसके अलावा, जो घर 4 कनाल से अधिक क्षेत्र में बने हैं, उन्हें 4 कनाल तक सीमित रखा जाएगा और शेष भूमि को आम उपयोग के लिए गांव में शामिल किया जाएगा।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com