हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन (एचसीएमएस) के बैनर तले बुधवार को नागरिक अस्पताल की ओपीडी बंद की। वहीं नागरिक अस्पताल के डॉक्टर काले बिल्ले लगाकर लैब परिसर के बाहर बैठे। हड़ताल की पूर्व सूचना के कारण नागरिक अस्पताल में 20 से 25 मरीज ही पहुंचे। इनमें कुछ मरीज हड़ताल की सुनकर निराश होकर वापस लौट गए। वहीं कुछ ओपीडी परिसर में ही हड़ताल खत्म होने की आस लेकर बैठे रहे।
हड़ताल के चलते रजिस्ट्रेशन केंद्र से नहीं किए जा रहे पंजीकरण
बता दें कि हरियाणा सिविल मेडिकल एसोसिएशन ने नौ दिसंबर को प्रदेशभर के सभी सरकारी अस्पतालों सहित सीएचसी व पीएचसी की ओपीडी दो घंटे के लिए बंद की थी। उसके बाद एसोसिएशन की राज्य कोर कमेटी ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपा था। उसके बावजूद सरकार ने न तो एसोसिएशन को वार्ता के लिए बुलाया और न ही मांगों को लेकर काेई अपनी प्रतिक्रिया दी।
जिसके बाद प्रदेशभर के डॉक्टरों ने 20 से 26 दिसंबर तक विरोध स्वरूप काले बिल्ले लगाकर ओपीडी को संभाला लेकिन उसके बावजूद सरकार ने मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया हालांकि 26 दिसंबर की देर शाम डीजी हेल्थ के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एसोसिएशन को संदेश पहुंचाया कि वे 27 दिसंबर को उसने वार्ता करेंगे और वे अपनी हड़ताल को टाल दे लेकिन डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखी।
डॉक्टरों का कहना है कि सरकार हर बार वार्ता के लिए उन्हें बुलाकर उनकी हड़ताल टलवा देती है लेकिन अबकी बार हड़ताल नहीं टलेंगी। वहीं वार्ता के विफल रहने के बाद 29 दिसंबर को ओपीडी के साथ-साथ सभी प्रकार की आपातकालीन सेवाएं भी पूर्ण रूप से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी जाएगी।
एचसीएमएस की प्रमुख मांगें
डॉक्टरों के लिए एक विशेषज्ञ कैडर का गठन। गतिशील सुनिश्चित कैरियर प्रगति (एसीपी) योजना लागू हो। एसएमओ की सीधी भर्ती पर तुरंत रोक लगाई जाए। पीजी के लिए बॉन्ड राशि एक करोड़ से 50 लाख किए जाने की मांग। ग्रामीण क्षेत्रों को दूरस्थ घोषित कर पीजी कोटा बहाल करने की मांग। डॉक्टरों के लिए पीजी कोटा। स्पेशलिस्ट के लिए अतिरिक्त इंसेटिव। डॉक्टर की 10 साल में प्रमोशन। जल्द पीजी पॉलिसी बनाने की मांग।