हरियाणा सरकार ने विभिन्न असाध्य बीमारियों के इलाज, विधवा-विधुरों और कुंवारों की पेंशन तथा पद्म पुरस्कार विजेताओं के गौरव सम्मान के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय योजनाओं में पारदर्शिता लाने और पात्र लाभार्थियों तक लाभ सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
अब तृतीय और चतुर्थ स्तर के कैंसर सहित अन्य असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए मासिक वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु आधार कार्ड आवश्यक होगा। इसी प्रकार, विधवाओं, विधुरों और अविवाहित व्यक्तियों को पेंशन का लाभ भी आधार नंबर होने पर ही मिलेगा। पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं को मिलने वाली 10 हजार रुपये की मासिक गौरव सम्मान राशि भी आधार कार्ड के माध्यम से ही प्रदान की जाएगी।
सामाजिक न्याय, सशक्तीकरण, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा अंत्योदय (सेवा) विभाग ने इन योजनाओं में आधार नंबर को अनिवार्य किया है। विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी अनुपमा ने विभिन्न सेवाओं के लिए आधार की अनिवार्यता संबंधी आदेश जारी किए हैं। इसका मुख्य लक्ष्य योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बढ़ाना और यह सुनिश्चित करना है कि लाभ सही व्यक्तियों तक पहुंचे।
योजनाओं के लिए आवेदन करते समय व्यक्ति का प्रमाणीकरण आधार कार्ड के माध्यम से ही किया जाएगा। यदि किसी आवेदक के पास आधार संख्या नहीं है, तो उसे नामांकन के लिए आवेदन करना होगा। 18 वर्ष से कम आयु के आवेदकों के मामले में, आवेदन उनके माता-पिता या कानूनी अभिभावक की सहमति से ही स्वीकार किया जाएगा। ऐसे मामलों में, आधार कार्ड बनने तक पहचान के अन्य प्रमाणों के आधार पर भी आर्थिक सहायता प्रदान की जा सकेगी।
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