रामनिवास ने बताया कि उसकी खेती की भूमि का तुषांत और गौरव डावास के नाम से पोर्टल पर फर्जी रजिस्ट्रेशन हुआ है। उसने बताया कि वह अपनी भूमि का मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए जब कामन सर्विस सेंटर में आवेदन के लिए गया था।
मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर भूमि का फर्जी रजिस्ट्रेशन नहीं थम रहा है। ताजा मामला गांव कितलाना में सामने आया है। जिसमें असल किसान की शिकायत पर उसकी कृषि भूमि का पोर्टल पर फर्जी रजिस्ट्रेशन दर्ज कराने वाले दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। बतां दें कि भिवानी जिले के कई गांवों में कृषि भूमि का फर्जी रजिस्ट्रेशन का बड़ा घोटाला भी पिछले साल सामने आया था, जिसकी जांच स्टेट विजिलेंस कर रही है।
गांव कितलाना का किसान सीएससी पर रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचा तो हुआ खुलासा
सदर पुलिस को दी शिकायत में गांव कितलाना निवासी रामनिवास ने बताया कि उसकी गांव में खेती की जमीन है। उसकी खेती की भूमि का तुषांत और गौरव डावास के नाम से पोर्टल पर फर्जी रजिस्ट्रेशन हुआ है। उसने बताया कि वह अपनी भूमि का मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए जब कामन सर्विस सेंटर में आवेदन के लिए गया था। जब ऑनलाइन आवेदन किया जा रहा था तो सीएससी संचालक ने उसे बताया कि उसकी कुछ भूमि का पहले ही रजिस्ट्रेशन हो चुका है।
यह बात सुनकर वह हैरान रह गया। उसने अपनी भूमि के पंजीकरण की डिटेल निकलवाई तो उसे पता चला कि खेवट नंबर 276,277 में तुषांत और किला नंबर 976-202 में गौरव डावास ने पहले ही पोर्टल पर पंजीकरण किया हुआ है। जबकि उनकी ये भूमि है ही नहीं। इन फर्जी किसानों द्वारा उसकी कृषि भूमि का पोर्टल पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराए जाने के मामले की शिकायत सदर पुलिस को दी। पुलिस ने इस संबंध में दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है।
वहीं, अन्य गांवों में भी इस तरह के फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामले सामने आए हैं, जिनकी शिकायतें भी प्रशासन के समक्ष की गई हैं। हालांकि अभी पुराने फर्जीवाड़े में ही परत दर परत खुल रही हैं। जबकि नए फर्जी रजिस्ट्रेशन के मामले सामने आने के बाद सरकारी योजनाओं को फर्जीवाड़ा कर राशन डकारने का खेल फिर से शुरू हो गया है। अब पुलिस इन मामलों को खंगालने में जुटी है।
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