हरियाणा में कोरोना को महामारी घोषित कर दिए जाने के बाद सरकार, अधिकारी और आम लोगों में दहशत का माहौल है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी। राज्य सरकार ने हर तरह की राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब तमाम उन धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक और खेलों के आयोजन पर भी रोक लगा दी है, जहां 200 से ज्यादा व्यक्ति एक साथ जमा हो सकते हैैं।
हरियाणा सरकार ने रविवार को राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 31 मार्च तक छुट्टियां कर दी हैैं। इस अवधि में सिर्फ वही बच्चे स्कूल आएंगे, जिनकी बोर्ड अथवा अन्य तरह की कोई परीक्षा होगी। सरकार ने पहले एनसीआर के पांच जिलों के स्कूलों में अवकाश घोषित किया था, लेकिन अब पूरे राज्य में सरकारी व प्राइवेट सभी स्कूलों में 31 मार्च तक अवकाश घोषित कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार ने राज्य में सभी सिनेमा हाल, नाइट क्लब और सामान्य क्लब भी 31 मार्च तक बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैैं। सभी जिलों को किसी न किसी मेडिकल कालेज के साथ अटैच कर दिया गया है। विभिन्न जिलों में सरकार ने आइसुलेशन वार्ड बना दिए और 1300 बेड रिजर्व कर दिए हैैं, ताकि मरीज आने की स्थिति में उन्हें राहत दी जा सके।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में रविवार को हुई स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य अधिकारियों की बैठक में यह अहम निर्णय लिए गए हैैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस बैठक के बाद बताया कि सोमवार से पूरे राज्य में 100 आयुर्वेदिक कैंप लगाए जाएंगे, जिनमें लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाने की दवाइयां मुफ्त प्रदान की जाएंगी।
स्कूलों में आना होगा स्टाफ व कर्मचारियों को
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डा. महावीर सिंह के अनुसार मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के निर्देश पर स्कूलों में अवकाश घोषित किए गए हैैं, ताकि बच्चों में किसी तरह का कोरोना वायरस का कोई विपरीत असर न फैल सके। प्रदेश सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि स्कूलों में सभी शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टाफ अपनी ड्यूटी पर रहेगा। उन्हें अवकाश नहीं दिया गया है।
जेलों में आने वाले नए कैदियों को रखा जाएगा अलग
दूसरी तरफ राज्य की की जेलों में बंद कैदी और जेल अधीक्षक कोरोना वायरस के डर से भयभीत हैैं। जेलों में कैदियों के बीच तैनात स्टाफ को जहां ड्यूटी करने में दिक्कत आ रही है, वहीं पूरा स्टाफ डरा हुआ है। हरियाणा के जेल महानिदेशक के सेल्वराज ने सभी जेल अधीक्षकों को परिपत्र जारी कर कहा है कि किसी भी जेल में आने वाले नए कैदी को पहले से बंद कैदियों से अलग रखा जाए। यदि किसी जेल में कोई नया कैदी आता है तो उसे डाक्टरों की देखरेख में सात दिन तक रखा जाएगा, ताकि किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर कोई अगला निर्णय लिया जा सके।
जेल में पहले से बंद कैदियों पर भी निगाह
जेल महानिदेशक ने जेल अधीक्षकों से कहा है कि जेल में पहले से बंद कैदियों पर भी निगाह रखी जाए। यदि किसी कैदी में कोरोना वायरस के लक्षण मिलें तो इसकी जानकारी दी जाए। जेल महानिदेशक ने पूरे राज्य के जेल अधीक्षकों से इस मामले में सोमवार शाम तक पूरी रिपोर्ट मांग ली है।