हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा के एक बयान ने गुरुवार को प्रदेश का राजनीतिक पारा चढ़ा दिया। सैलजा ने गुरुवार सुबह नई दिल्ली में कहा कि भारतीय जनता पार्टी, जननायक जनता पार्टी और निर्दलीय विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं। अगर हालात बने व जरूरत महसूस हुई तो कांग्रेस, सरकार बनाने के लिए संविधान अनुसार कदम उठाएगी। सत्तारूढ़ विधायकों में नए कृषि कानूनों को लेकर नाराजगी है।
सरकार में शामिल विधायक उनसे व कांग्रेस के अन्य विधायकों से बातचीत करते रहते हैं। इस दौरान उनका गुस्सा निकलकर सामने आता है। अनेक विधायक किसान आंदोलन के समर्थन में हैं, लेकिन खुलकर कुछ नहीं बोल पा रहे।
सैलजा ने कहा कि वर्तमान गठबंधन सरकार जनता व विधायकों का भरोसा खो चुकी है। अगर हालात बने व जरूरत महसूस हुई तो कांग्रेस, सरकार बनाने के लिए संविधान अनुसार कदम उठाएगी। सत्ता का खालीपन बिल्कुल नहीं छोड़ेंगे, विधायकों की राय अनुसार उसे भरा जाएगा।
जजपा के साथ ही कई भाजपा विधायक चाहते हैं कि नए कानून रद्द होने चाहिए। किसान आंदोलन से उन्हें राजनीतिक तौर पर नुकसान हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के अमल पर रोक तो लगा दी है, लेकिन किसान इसे पर्याप्त नहीं मानते।
इससे पहले सरकार में भागीदार जजपा के विधायक दल की मंगलवार को नई दिल्ली में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के आवास पर हुई बैठक में अधिकतर विधायकों ने नए कृषि कानून सिरे से नकार दिए थे। नारनौंद से विधायक रामकुमार गौतम तो बैठक में ही नहीं पहुंचे। सूत्रों के अनुसार जजपा के कुछ विधायक बैठक में मुखर रहे। उन्होंने सीधे कहा कि नए कानूनों से गठबंधन सरकार को नुकसान हो रहा है। इन्हें केंद्र सरकार आंख बंद कर निरस्त कर दे। किसान आंदोलन से राजनीतिक तौर पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।