आरोपी चालक ने सेहलंग बस स्टैंड के ठेके से शराब मंगवाई थी। पांच-अन्य लोगों के साथ बैठकर पीने के बाद खेड़ी साथ तक गए थे।
हरियाणा के महेंद्रगढ़ के कनीना क्षेत्र के उन्हाणी गांव के पास गुरुवार सुबह हुए बस हादसे के दौरान चालक धर्मेंद्र को लेकर अब धीरे-धीरे नए-नए खुलासे होते रहे हैं। चालक नशे का आदी था और स्कूल प्रबंधन को इस बात का पता होते हुए भी बस की चाबी उसके हाथ में थमा दी।
गांव सेहलंग निवासी आरोपी चालक धर्मेंद्र महज चार माह पूर्व ही स्कूल बस पर बतौर चालक तैनात हुआ था। स्कूल प्रबंधन को अनेक शिकायतें भी मिली थीं लेकिन इसको लेकर स्कूल प्रबंधन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। चालक की नशे की लत ने छह मासूमों की जान ले ली।
आरोपी चालक इससे पूर्व दिल्ली एयरपोर्ट पर कैब ड्राइवर की नौकरी करता था। नशे की लत के कारण उसे वहां से नौकरी से हटाया था। पिछले एक साल से दो-तीन निजी स्कूलों में बसें चला चुका है। आरोपी के घर पर उसके माता-पिता रहते हैं और वह शादीशुदा नहीं है। आरोपी के घर के बाहर ताला लगा हुआ है।
धर्मेंद्र का पिता विजय सिंह वर्तमान में घर के बाहर छोटी सी दुकान चलाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि धर्मेंद्र प्रतिदिन सुबह तेज गति से बस को लेकर जाता था। घटना वाले दिन सुबह उसने शराब के ठेके से किसी दूसरे व्यक्ति के माध्यम से शराब मंगवाई और कुछ लोगों के साथ बैठकर शराब पी। इसके बाद ये सभी लोग गांव खेड़ी तक उसके साथ गए थे।
सब्जी की रेहड़ी लगाने वाले से हुई थी कहासुनी
खेड़ी बस स्टैंड पर सब्जी की रेहड़ी लगाने वाले सुरेश प्रजापति ने बताया कि घटना वाले दिन सुबह खेड़ी गांव में उन्होंने बस रोककर उसकी रेहड़ी से दो दर्जन केले जबरन उठा लिए। जब पैसे मांगे तो धर्मेंद्र ने उससे कहा कि सुबह तुम सेहलंग से ही सब्जी लेकर आते हो, तुम्हें देख लेंगे। इसी दौरान उसके साथ पांच अन्य लोग भी बस में सवार थे।
बस पलटने से पहले ही चालक कूद गया था खिड़की से बाहर
हादसे के दौरान बस अनियंत्रित होते ही पेड़ से टकराने से पहले ही चालक धर्मेंद्र खिड़की से सड़क किनारे रेत के ढेर पर कूद गया था। इस कारण उरेको चोट नहीं आई थी। जब वह भागकर कुछ ही दूर पहुंचा था तो लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।