घटना के बाद अस्पताल के बाहर देररात तक राठी के समर्थकों की भीड़ लगी रही। नफे सिंह राठी की हत्या के मामले में रविवार रात तक पुलिस मामला दर्ज नहीं कर सकी।
नफे सिंह राठी का अपने सहयोगियों व कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा नजदीकी लगाव रहता था इसलिए कार्यकर्ता भी उन्हें खूब पसंद करते थे और अपनी बात उनके समक्ष रखने में नहीं हिचकते थे। कार्यकर्ताओं ने नफे सिंह का जन्मदिन तीन दिन पहले ही 22 फरवरी को मनाया था और राठी के हमेशा स्वस्थ रहने की कामना की थी।
नफे सिंह राठी 22 फरवरी को 66 साल के हो गए थे। नफे सिंह राठी ने अपना जन्मदिन रोहतक रोड स्थित अपने कार्यालय में समर्थकों के साथ मनाया था। समर्थकों ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी थीं। नफे सिंह राठी ने शुभकामनाओं के साथ सोशल मीडिया पर लिखा था कि कल मेरे जन्मदिन के शुभ अवसर पर मुझे फोन, मैसेज, सोशल मीडिया और व्यक्तिरूप से मिलकर शुभकामनाएं देने वाले सभी स्नेहजनों का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। हृदय की असीम गहराइयों से आप सभी का धन्यवाद, आपका प्रेम बना रहे। आपके प्यार, स्नेह व अपनेपन के अहसास से सुखद अनुभूति होती है। पुन: आप सभी का शुक्रिया…।
यारों के यार थे नफे सिंह राठी : रामनिवास
पैक्स बहादुरगढ़ के चेयरमैन रामनिवास सैनी ने नम आंखों से कहा कि नफे सिंह यारों के यार थे। वह अपने कार्यकर्ताओं का दुख दर्द हमेशा समझते थे और उन्हें समस्याओं से बाहर निकालने के लिए तत्पर रहते थे। जो व्यक्ति एक बार उनके साथ कार्यकर्ता के नाते से जुड़ जाता था तो वह हमेशा ही उनका बनकर रहता था।
आज होगा शवों का पोस्टमार्टम
रविवार शाम बराही फाटक पर अज्ञात हमलावरों की गोलियों के शिकार हुए पूर्व विधायक नफे सिंह राठी और उनके सहयोगी जयकिशन दलाल के शव का पोस्टमार्टम सोमवार को नागरिक अस्पताल बहादुरगढ़ में होगा। मृत्यु के बाद दोनों के शव ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल में ही रखे गए।
हालांकि शहर में यह चर्चा अवश्य रही कि नफे सिंह राठी पर एक परिवार का दुश्मनी की हद तक विवाद चलता रहा है इसलिए पीड़ित पक्ष कुछ लोगों के खिलाफ इस मामले में नामजद शिकायत दे सकता है। पुलिस अधीक्षक डॉ. अर्पित जैन ने बताया कि पीड़ित पक्ष की शिकायत मिलते ही केस दर्ज कर लिया जाएगा।
राठी की हत्या की खबर शहर में आग की तरह फैल गई और उनके समर्थक बड़ी संख्या में ब्रह्मशक्ति अस्पताल पहुंच गए। जहां देर रात तक जमे रहे। इस वारदात से शहर का हर व्यक्ति स्तब्ध था। उनके समर्थक देररात तक मामले को लेकर चर्चा करते रहे।
विवादों से भी जुड़ा रहा नफे सिंह राठी का नाम
इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी का नाम कई तरह के विवादों के साथ भी जुड़ा रहा। वह जमीन के अनुभवी व्यवसायी माने जाते थे इसलिए जमीन से संबंधित कई विवादों में उनका नाम आया। पूर्व मंत्री मांगेराम नंबरदार के पुत्र जगदीश नंबरदार के साथ और वर्तमान में नगर परिषद अध्यक्ष सरोज राठी के परिवार के साथ भी संपत्ति संबंधी विवाद रहे। ये दोनों मामले थानों और अदालतों तक भी पहुंचे।
वर्तमान में बहादुरगढ़ नगर परिषद की अध्यक्ष सरोज राठी के परिवार का उनके साथ कई साल से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों पक्षों में शहर के बादली रोड स्थित एक भूखंड को लेकर वर्षों से झगड़ा चल रहा है। सरोज राठी परिवार इस भूखंड को अपना बता रहा है तो नफे सिंह राठी पक्ष इस पर अपना अधिकार जताता रहा है।
इसी वजह से दोनों पक्षों में कई बार झगड़ा हुआ। उत्तर प्रदेश के जिला मुजफ्फरनगर में दर्ज हुए एक आपराधिक मामले में सरोज राठी के पुत्र को गिरफ्तार करने के लिए यूपी पुलिस बहादुरगढ़ आई थी। तब नफे सिंह के इशारे पर यूपी पुलिस के साथ मिलकर मारपीट करने का आरोप इनेलो कार्यकर्ताओं पर भी लगा था।
दूसरी ओर, पूर्व मंत्री स्वर्गीय मांगेराम नंबरदार के पुत्र जगदीश नंबरदार खुदकुशी केस में उनके परिवार ने इन पर आरोप लगाया था, लेकिन सबूतों के अभाव में जिला न्यायालय ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी। जगदीश नंबरदार के पुत्र गौरव का आरोप है कि उनके एक भूखंड पर नफे सिंह के करीब कुछ व्यक्ति कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं जिसकी वजह से परेशान होकर उनके पिता जगदीश ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी।