हरियाणा सरकार के लिए शराब बिक्री से बड़ी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता है। साल 2019-20 में सालाना 5 हजार करोड़ रुपये शराब बिक्री से मिलता था, लेकिन अब यह आंकड़ा 10 हजार करोड़ को भी पार कर चुका है। राज्य में खुदरा शराब के ठेकों की अधिकतम संख्या की सीमा को 2022-23 में 2600 से घटाकर 2500 और 2023-24 में 2500 से 2400 कर दिया गया था।
हरियाणा में साल 2024-25 के लिए नई आबकारी नीति का रास्ता साफ हो गया है। चुनाव आयोग ने हरियाणा सरकार को पॉलिसी लाने के लिए मंजूरी दे दी है। ऐसे में आबकारी एवं कराधान विभाग पॉलिसी लाने की तैयारियों में जुट गया है। संभावना है कि 15 मई को होने वाली कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति रखी जाएगी।
इस संबंध में सोमवार को आबकारी विभाग के प्रधान सचिव देवेंद्र कल्याण की अध्यक्षता में विभाग की मैराथन बैठक हुई। बैठक में पॉलिसी को लेकर तमाम पहलुओं पर मंथन हुआ। अभी आबकारी विभाग के आयुक्त आईएएस अशोक मीणा महाराष्ट्र में चुनाव ड्यूटी पर गए हैं। वे मंगलवार को हरियाणा आ सकते हैं।
इस बार लोकसभा चुनाव के चलते आबकारी नीति जारी करने में देरी हुई है। पिछली बार आठ मई को पॉलिसी जारी की गई थी। पॉलिसी लाने को लेकर हरियाणा सरकार ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी। आयोग ने हरी झंडी दे दी है। इससे पहले ही विभाग कमेटियों का गठन करने का सुझाव ले चुका है और अब इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। राज्य में 12 जून से नई आबकारी नीति लागू होगी और यह 11 जून 2025 तक लागू होगी।
इस बार डिप्टी सीएम नहीं, सीएम लगाएंगे मुहर
इससे पहले चार साल तक आबकारी विभाग के मंत्री जजपा नेता व पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के पास थी। नीति बनाने में उनकी अहम भूमिका रही थी, लेकिन अब जजपा का सरकार से गठबंधन टूट चुका है। विभागों के नए आंवटन में आबकारी विभाग की जिम्मेदारी खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पास है। अधिकारियों द्वारा तैयार की गई पॉलिसी पर अंतिम मुहर मुख्यमंत्री लगाएंगे।