पंचकूला में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कृषि आंदोलन पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आजकल हम तमाशा देख रहे हैं, कानून रद्द करवाने के लिए दबाव बना रहे हैं.
क्या ये डेमोक्रेसी है? उन्होंने कहा कि धींगामस्ती नहीं चलेगी और धींगामस्ती करने वालों को सहयोग दोगे ये भी नहीं चलेगा. अपनी बात सभ्य तरीके से रखने का अधिकार सभी को है और लोकतंत्र में इसकी आजादी भी दी गई है.
किसान संगठनों को सरकार ने एक बार फिर चिट्ठी भेजकर बातचीत करने का प्रस्ताव दिया है. सरकार ने किसान संगठनों को लिखे खत के माध्यम से कहा है कि वह सभी मुद्दों पर बात करने को तैयार है.
सरकार ने ये भी कहा है कि तीनों कानूनों में एमएसपी की बात नहीं है और किसानों की मांग तर्कसंगत नहीं है. आवश्यक वस्तु एक्ट में संशोधन पर बात संभव है. सरकार ने किसानों से वार्ता की तारीख और समय पूछा है.