हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा में ही, सिख समुदाय के पहले बादशाह बाबा बंदा सिंह बहादुर की राजधानी लोहगढ़ (यमुनानगर) में मार्शल आर्ट इंस्टीट्यूट, श्री गुरु तेग बहादुर मेडिकल कॉलेज, यमुनानगर बनाया जा रहा है। श्री गुरु नानक देव जी के गुरुद्वारा चिल्ला साहिब (सिरसा) की 72 कनाल भूमि बिना कोई कीमत लिए निशुल्क दी गई। सारे प्रदेश में, अन्य स्थानों पर भी स्मारक द्वार, कालेज एवं संस्थानों का नामकरण गुरु साहिबानों के नाम पर किया गया है।
वर्तमान हरियाणा प्रांत के लोगों का, श्री गुरु तेग बहादुर जी के साथ घनिष्ठ प्यार था। यहां लगभग उनकी याद में, 28 गुरुद्वारा साहिबान हैं तथा उनका ससुराल गांव लखनौर साहिब (अम्बाला) में है। श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वां शहीदी दिवस पर श्रद्धा सुमन भेंट करने के लिए, देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी 25 नवंबर, 2025 दिन मंगलवार को करुक्षेत्र आ रहे हैं। पूरे प्रदेश में चार शोभा यात्राओं में गुरु ग्रंथ साहिब जी की अगुवाई में लाखों की संख्या में संगत कुरुक्षेत्र पहुंची है। यहां सभी धर्मों के लोग एवं संस्थाएं गुरू जी को श्रद्धा सुमन भेंट कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अगुवाई में सारे विश्व में, लगभग 142 विदेशी दूतावास हैं, वहां के स्थानीय लोगों के सहयोग से, गुरु जी की शहादत को नमन किया जा रहा है। कुरुक्षेत्र की पवित्र धरती पर आठ गुरु साहिबान, श्री गुरु नानक देव जी, श्री गुरु अमरदास जी, श्री गुरु अर्जुन देव जी, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी, श्री गुरु हरिराय जी, श्री गुरु हरिकृष्ण जी, श्री गुरु तेग बहादुर जी तथा श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने समय-समय पर इस धरती पर अपने चरण डालकर पवित्र किया। श्री गुरु तेग बहादुर जी का समस्त जीवन, परोपकार, त्याग, संघर्ष तथा बलिदान पूरी मानवता के लिए प्रेरणादायक है। अगर गुरु जी अपने शीश का बलिदान देकर, शहादत ना देते तो, आज हिंदुस्तान कैसा होता, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
हरियाणा सरकार द्वारा पहली नवम्बर से 25 नवम्बर, 2025 तक हरियाणा में गुरु साहिब जी की स्मृति में अनेक आयोजन किए हैं जोकि जन-सहभागिता और आध्यात्मिक एकता की अनोखी मिसाल बने हैं। राज्यभर में चारों दिशाओं से निकली श्रद्धा यात्राएं एक अनोखा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्सव बन गईं हैं। राज्य में 8 नवंबर, को रोड़ी (सिरसा), 11 नवंबर को पिंजौर (पंचकूला), 14 नवंबर को फरीदाबाद तथा 18 नवंबर को कपाल मोचन (यमुनानगर) में आयोजित यात्राओं ने हरियाणा को सचमुच एक आध्यात्मिक और भाईचारे की एकजुटता के धागे में पिरोदिया है। प्रदेश के गांव-गांव में कीर्तन, भजन, सत्संग और गुरु साहिब जी की वाणी का पाठ किया गया।
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