हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार की पुलिस पर एकबार फिर एक लोकप्रिय गायिका की हत्या का दाग लग गया. लोकप्रिय भजन गायिका ममता शर्मा पहले तीन दिन लापता रहीं, फिर CM के गांव में एक खेत में उनका शव मिला. लेकिन पुलिस अब तक हत्यारों का कोई सुराग नहीं लगा पाई है. आज ममता शर्मा का रोहतक पीजीआई में पोस्टमार्टम होना है.
इस बीच पुलिस का कहना है कि जिस हालत में ममता का शव मिला उससे लग रहा है कि उनकी हत्या एक दिन पहले यानि 17 जनवरी को की गई थी. लेकिन ममता शर्मा तो 14 जनवरी से ही लापता थीं. ममता शर्मा की हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है.
ममता शर्मा के घरवालों के मुताबिक, 14 जनवरी से लापता ममता शर्मा का मोबाइल नंबर 58 घंटे तक ऑन रहा, लेकिन पुलिस उसे ट्रेस करने में असफल रही. मोबाइल के 58 घंटे तक ऑन रहने और पुलिस द्वारा 17 जनवरी को हत्या किए जाने की दलीलों के बीच अब सवाल उठ रहा है कि ममता शर्मा क्या 14 जनवरी को लापता होने के बाद 3 दिन तक जीवित थीं? इससे एक और अहम सवाल उठता है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है कि ममता इस बीच किन लोगों के साथ थीं.
बताते चलें कि ममता शर्मा 14 जनवरी को सुबह 8.30 बजे गोहाना स्थित गोशाला में भजन कार्यक्रम के लिए निकली थीं. उनके साथ उनकी टीम का साथी मोहित कुमार था. रोहतक के कैलाश कॉलोनी के रहने वाले मोहित कुमार को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है.
दरअसल मोहित ने ही बताया था कि गोहाना जाते हुए रास्ते में उन्हें लाहली के पास कार सवार दो युवक मिले थे, जो संभवतः ममता शर्मा को जानते थे. ममता शर्मा कुछ घंटे में लौट आने की बात कहकर उन्हीं कार सवार युवकों के साथ कहीं चली गई थीं और फिर कभी नहीं लौटीं.
बताते चलें कि 39 वर्षीय सिंगर ममता शर्मा का शव 18 जनवरी को रोहतक के बनियानी गांव में एक खेत में पड़ा मिला था, जो CM खट्टर का गांव है. पुलिस के मुताबिक, ममता शर्मा की किसी धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या की गई थी. ममता के गले और छाती पर कई जख्म मिले थे.
ममता का शव जिस गांव में मिला वह लाहली के पास ही है, जहां वह आखिरी बार जीवित देखी गई थीं. इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या हत्या किए जाने से पहले वह लाहली में ही रहीं? पुलिस दावा कर रही है ममता शर्मा की हत्या के पीछे उनके किसी नजदीकी व्यक्ति का ही हाथ है. लेनदेन के चलते हत्या से भी पुलिस ने इनकार नहीं किया है.