स्मृति मंधाना. भारतीय क्रिकेट टीम (विमेन) के लिए खेलती हैं. खब्बू बल्लेबाज हैं. बोलिंग दाएं हाथ से करती हैं. कप्तान भी रह चुकी हैं T 20 टीम की. इन्होंने एक बयान दिया हाल में. कहा कि पुरुष जो क्रिकेट खेलते हैं उसमें ज्यादा कमाई होती है. महिलाओं के क्रिकेट में कम. इसलिए पुरुष खिलाड़ी जितना कमाते हैं उससे महिला खिलाड़ियों की तुलना करना या उनकी बराबरी करना सही नहीं है.
हाल में ही BCCI ने अपने खिलाडियों के लिए सेन्ट्रल कॉन्ट्रैक्ट घोषित किए. अक्टूबर, 2019 से सितंबर, 2020 तक के लिए. ये अलग-अलग लेवल के खिलाड़ियों के लिए बनाए गए कॉन्ट्रैक्ट होते हैं.
जिसमें उनकी सालाना आय तय होती है. इसमें टॉप लेवल के पुरुष क्रिकेटर्स के लिए सात करोड़ रुपए सालाना का कॉन्ट्रैक्ट तय हुआ है. वहीं टॉप की महिला क्रिकेटर्स के लिए 50 लाख का. पुरुष क्रिकेटरों में सबसे निचले ग्रेड वालों के लिए भी कॉन्ट्रैक्ट कम से कम एक करोड़ रुपए का है.
इसी संबंध में स्मृति से सवाल पूछा गया. कि क्या उन्हें इस अंतर से दिक्कत नहीं है? तो रिपोर्ट के अनुसार स्मृति ने कहा,
कई लोगों को स्मृति की ये अप्रोच सही लग रही है. उन्हें लगता है कि जब महिला क्रिकेट से कमाई नहीं हो रही तो उन्हें पैसे कैसे मिल जाएंगे ज्यादा. चंद बातें:
# सन 1973 में मशहूर टेनिस स्टार बिली जीन किंग ने यूएस ओपन में भाग लेने से इनकार कर दिया. कहा, पुरुषों और महिलाओं की प्राइज मनी बराबर करो, नहीं तो खेलूंगी ही नहीं. प्राइज मनी बराबर कर दी गई. 2007 तक आते आते सभी चार ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट्स में पुरुषों और महिलाओं की कैटेगरी में प्राइज मनी बराबर कर दी गई.
# 2017 में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन के बीच समझौता हुआ. कई मुद्दे थे उनमें. एक ये भी था कि महिला क्रिकेटर्स को मिलने वाला पैसा कम था, पुरुषों के बनिस्बत.
पांच साल के इस समझौते में उनकी कमाई 75 लाख डॉलर से बढ़कर 5.5 करोड़ डॉलर करने की बात फाइनल हुई. ये इसलिए हो पाया क्योंकि पुरुष और महिला क्रिकेटर्स दोनों एक साथ अड़े रहे.
कि पीछे नहीं हटेंगे. 2019 में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि 2020 में होने वाले T20 वर्ल्ड कप में महिला क्रिकेट टीम के लिए तय प्राइज मनी बढ़ा दी जाएगी. ताकि पुरुषों की टीम की तुलना में उनकी प्राइज मनी बेहतर हो सके.