बिटिया के परिवार वालों को हाईकोर्ट ने 12 अक्तूबर को लखनऊ बुलाया है। बिटिया के परिवार वालों का कहना है कि उन्हें न्यायिक अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी थी। साथ ही बिटिया के परिजनों का यह भी कहना है कि जिस सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिस उन्हें हाईकोर्ट लेकर जाए, उसी सुरक्षा के तहत पुलिस उन्हें वापस घर तक छोड़कर भी जाए।
बिटिया के परिजन जेल से भेजी गई चिट्ठी के बारे में पूछे गए सवाल पर आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि यह सब केस को मोड़ने की साजिश है। दोस्ती बराबर वालों में होती है। ऊंची और नीच बिरादरी वालों में नहीं होती। वह न्याय के लिए लड़ रहे हैं और अपनी इस लड़ाई को जारी रखेंगे।
बिटिया के प्रकरण का हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने कई उच्चाधिकारियों के अलावा जिले के एसपी और डीएम को भी तलब किया था। 12 अक्तूबर को इस मामले में सुनवाई है। पीड़ित परिवार को भी बुलाया है। हाईकोर्ट के इस आदेश की सूचना पिछले दिनों प्रभारी जिला जज ने पीड़ित परिवार के यहां पहुंचकर दी थी।
प्रशासनिक अधिकारियों ने भी इसकी सूचना दी। पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके परिवार के पांच सदस्य हाईकोर्ट में 12 अक्तूबर को जाएंगे। इसके लिए अधिकारियों ने सुरक्षा व्यवस्था के बीच वहां पहुंचाने का भरोसा दिलाया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि जिस सुरक्षा के बीच हमें हाईकोर्ट ले जाया जाए, वहां से भी इसी सुरक्षा के बीच वापस घर पर छोड़ा जाए।
आरोपियों द्वारा जेल से भेजी गई चिट्ठी और लड़की को आरोपी संदीप का दोस्त बताने पर फिर पीड़ित परिवार के लोग आक्रोशित हो गए। इन लोगों का कहना था कि यह सब एक साजिश है। इस मामले को दूसरी तरफ मोड़ा जा रहा है। जब आरोपी पकड़े गए थे, तब यह बात क्यों नहीं कही गई। आरोपी गांव से भाग क्यों गए। इन्हें पुलिस काफी दूर से पकड़कर लेकर आई है।
डीएम की मौजूदगी में प्रशासन किस चीज को छिपाना चाहता था कि रात में ही शव को जला दिया गया। दोस्ती बराबर वालों में होती है। हम न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमें कोई नहीं भड़का रहा। हमारी बिटिया मर गई और हम पर ही आरोप लगाए जा रहे हैं। परिजनों ने यह भी कहा कि फिलहाल अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर हम संतुष्ट हैं, लेकिन जब सुरक्षा नहीं रहेगी, तब क्या होगा, इसे लेकर हम चिंतित भी हैं।