पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. बर्दमान जिले के पूर्वा में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि जब प्रवासी श्रमिक मर रहे थे तो उन्हें बस तक मुहैया नहीं कराई गई जबकि टीएमसी का साथ छोड़ने वाले नेताओं को चार्टर्ड प्लेन भेजा गया.
ममता बनर्जी ने कहा कि आज यूपी, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में किसान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन बंगाल में किसान खुश हैं. टीएमसी प्रमुख ने कहा कि नोटबंदी, घरबंदी करके लोगों को घर में नहीं रखा जा सकता है. बैलेट बॉक्स का इस्तेमाल करें.
टीएमसी का दामन छोड़ने वालों भी ममता बरसीं. उन्होंने कहा जो भ्रष्टाचार में संलिप्त वो छोड़कर चले गए. मैं खुश हूं. ममता ने कहा, ‘हम प्लासी की लड़ाई के बाद मीर जाफर जैसे गद्दारों को नहीं भूले हैं… हमें कभी भी गद्दारों को नहीं भूलना चाहिए. आप सभी को उन्हें सबक सिखाना चाहिए.’
ममता ने कहा, ‘अब त्रिपुरा के लोग पछता रहे हैं कि उन्होंने भाजपा को वोट क्यों दिया. वे (बीजेपी नेता) हमारी संस्कृति को नहीं जानते. उन्होंने विवेकानंद को ठाकुर कहा. वे कहते हैं कि टैगोर शांतिनिकेतन में पैदा हुए थे.’
मुख्यमंत्री ने कहा, “जब तक मैं जिंदा हूं, मैं बंगाल की रॉयल टाइगर की तरह रहूंगी. हम बंगाल में NPR की अनुमति नहीं देंगे. मैं कभी इसकी इजाजत नहीं दूंगी. यही वजह है कि वे मेरे खिलाफ हैं.”
ममता बनर्जी ने कहा, “क्या आपने कभी पीएम को झूठ बोलते सुना है, एक सीएम झूठ बोल रहा है, बड़े नेता झूठ बोलते हैं, पीएम ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है. मोदी बाबू मुझे दिखाइए कि राज्य सरकार के किस कर्मचारी को वेतन नहीं मिला है. आपको इसका भी जवाब देना चाहिए कि आप बीएसएनएल, रेल क्यों बेच रहे हैं.”
ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में महिलाओं को जो सुरक्षा और सम्मान मिलता है, वह भाजपा शासित यूपी में नहीं है. देखिए यूपी, गुजरात का हाल देख लीजिए. वे आपको डराएंगे, लेकिन डरना नहीं है. मैं डरने वालों में से नहीं हूं.
ममता ने बिना नाम लिए ओवैसी पर भी निशाना साधा. ममता बनर्जी ने कहा कि मुर्शिदाबाद, मालदा इस बार सरकार बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाएगा. बीजेपी सांप्रदायिक संघर्ष पैदा करने के लिए कुछ मुस्लिम संगठन भेजे हैं. अगर आप उन्हें वोट देते हैं, तो इससे बीजेपी को फायदा होगा. कांग्रेस बोलती है लेकिन वो बीजेपी से नहीं लड़ सकती. वे उनसे लड़ना नहीं चाहेंगे. सीपीएम भी बीजेपी की दोस्त है. केवल टीएमसी ही बीजेपी का मुकाबला कर सकती है.