कोरोना वायरस के मरीजों का पता लगाने के लिए सरकार द्वारा लॉन्च किया गया आरोग्य सेतु एप कोविड-19 के प्रसार को रोकने में मदद करने वाले एक महत्वपूर्ण हथियार के रूप में उभर रहा है।
इस एप की मदद से अधिकारियों को देशभर में 650 हॉटस्पॉट और 300 इमर्जिंग (उभरते) हॉटस्पॉट का पता चला है, जो इस एप के बिना छूट सकते थे।
दो अप्रैल को लॉन्च के बाद से आरोग्य सेतु एप पर 9.6 करोड़ लोगों ने पंजीकरण किया है, जो विश्व स्तर पर पांच करोड़ उपयोगकर्ताओं तक सबसे तेज पहुंचने वाला मोबाइल एप बन गया है और जल्द ही यह 10 करोड़ क्लब में सबसे तेज प्रवेश करने वालों में से एक होगा।
आरोग्य सेतु एप अपने दो उद्देश्यों के माध्यम से सरकार की मदद करता है। पहला ‘किसकी जांच करनी है’ और दूसरा ‘कहां ज्यादा जांच करनी है’।
बातचीत में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने कहा, ‘उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में इस एप की मदद से 18 जिलों में 60 कोरोना हॉटस्पॉट का पता चला। देशभर में, 13 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच, इस एप ने उप-पोस्ट ऑफिस स्तर पर 130 हॉटस्पॉट होने का पुर्वानुमान लगाया।’
उन्होंने कहा, ‘आरोग्य सेतु एप द्वारा सूचित किए जाने के तीन से 17 दिनों के भीतर इन पूर्वानुमानित हॉटस्पॉट को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वास्तविक हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया। इस तरह, इस एप ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में ‘किसकी जांच करनी है’ और ‘कहां ज्यादा जांच करनी है’ वाले उद्देश्यों से सरकार की सहायता की।’
कांत ने कहा, ‘आरोग्य सेतु एप ने सरकार को देश भर में 650 से अधिक हॉटस्पॉट और 300 से अधिक इमर्जिंग (उभरते) हॉटस्पॉट के बारे में सचेत किया, जो इसके बिना छूट सकते थे।
यह हॉटस्पॉट्स का सटीक पूर्वानुमान देता है और यह नए हॉटस्पॉट्स की उत्पत्ति को भी रोक रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘एप ने संक्रमण के प्रसार के स्थानीयता, दिशा और वेग के सटीक अनुमानों के साथ अविश्वसनीय निरीक्षण और प्रभाव उत्पन्न किया है।’
नीति आयोग के प्रमुख ने कहा, ‘अब तक 6.9 करोड़ लोगों ने स्व-मूल्यांकन परीक्षण किया है, जिसमें से 34 लाख लोगों ने खुद को अस्वस्थ घोषित किया है। इन लोगों में कोरोना के एक से लेकर तीन लक्षण दिख रहे थे।’
कांत ने कहा, ‘इस तरह से स्वास्थ्य कर्मचारियों की एक समर्पित टीम लगभग 6,50,000 लोगों तक पहुंच पाई हैं, जिनमें दो या दो अधिक लक्षण दिखाए दिए। इसके अलावा, डॉक्टरों द्वारा 16,000 से अधिक लोगों को टेली-परामर्श दिया गया है।’