समाजवादी पार्टी के विधायक प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव अब समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की बेरुखी से बेहद आहत हैं।
समाजवादी पार्टी में उपेक्षा से नाराज होकर अक्टूबर 2018 में अपनी पार्टी बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव का दर्द बलिया में छलक गया। उन्होंने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के कहने पर भी हमने अलग पार्टी बना ली, मगर वह तो अपने पुत्र अखिलेश यादव के साथ हैं। अब तो मैं भी तो पीछे मुड़कर नहीं देखूंगा।
शिवपाल सिंह यादव रविवार को बलिया के सहतवार में बद्रीनाथ सिंह की 18वीं पुण्यतिथि पर बड़ा पोखरा प्रांगण में आयोजित समारोह में पहुंचे थे।
इस दौरान सभा में शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि स्व. बद्रीनाथ सिंह गरीबों के मसीहा थे। उनके रग-रग में सेवा भाव भरा था। उनकी सहजता ही उन्हें सभी से अलग करती थी। खांटी नेता शिवपाल ने इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व राज्य सरकार की कार्यशैली पर हमला बोला। इसके बाद मीडिया से वार्ता में अपना दर्द भी बयां किया।
समाजवादी पार्टी से अपनी राहें जुदा करके प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के कहने पर ही उन्होंने अलग पार्टी बनायी थी लेकिन अगर मुलायम आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ हैं तो भी वह अब पीछे मुड़ कर नहीं देखेंगे।
मुलायम आज अखिलेश के साथ क्यों खड़े हैं, इसका जवाब वह ही दे सकते हैं। मगर इतना तय है कि अब वह पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे। उनकी पूरी कोशिश डाक्टर राम मनोहर लोहिया, चौधरी चरण सिंह और गांधीवादी लोगों को एकजुट करके पार्टी को मजबूत करने की है। उनसे पूछा गया था कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह इन दिनों उन्हें छोड़कर अखिलेश के कार्यक्रमों में शिरकत करने लगे हैं।
क्या मुलायम ने उनके साथ धोखा किया है। शिवपाल ने कहा कि उन्होंने मुलायम का हमेशा सम्मान किया और उनकी हर बात मानी। मुलायम सिंह यादव की बात को तवज्जो नहीं देने के कारण ही सपा में विघटन हुआ।
इसी कारण सपा की दोबारा सरकार नहीं बनी। नहीं तो अखिलेश फिर मुख्यमंत्री बनते। शिवपाल ने कहा कि मुलायम आज अखिलेश के साथ क्यों खड़े हैं, इसका जवाब वह ही दे सकते हैं। उन्होंने मुलायम सिंह के ही कहने पर प्रसपा बनाई थी।
मुलायम सिंह यादव बीते नवम्बर में अपने जन्मदिन पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के आयोजित कार्यक्रम में शरीक हुए थे। लखनऊ में बीते शनिवार को भी उन्होंने एक अन्य कार्यक्रम में अखिलेश के साथ मंच साझा किया था।
तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश और शिवपाल के बीच वर्ष 2016 में पार्टी और सत्ता को लेकर हुए संघर्ष के दौरान मुलायम तो शिवपाल के साथ खड़े नजर आये थे। उसके बाद मुलायम ने लम्बे वक्त तक कई अहम मौकों पर अखिलेश के साथ पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं की थी। शिवपाल ने सपा से अलग होकर अक्टूबर 2018 में नयी पार्टी बना ली थी।
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि इस दौरान भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदी युग में एक भी काम धरातल पर नहीं हो रहा है। हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है। यहां सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए।
दो करोड़ युवाओं को रोजगार एवं नौकरी देने का वादा करने वाली मोदी सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी की समस्या से लाचार होकर हर दिन 21 लोग आत्महत्या कर रहे हैं।
सरकार भाई से भाई को लड़ाने का काम कर रही है। लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। नागरिकता संशोधन बिल के मामले में किसी भी पार्टी से राय नहीं ली गई। मोदी जी देश को कर्ज से मुक्त करने का संकल्प लेकर आए थे लेकिन कर्ज मुक्ति की बात कौन करे कर्ज लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
एक सड़क बनना कठिन है जबकि हमारे कार्यकाल में जहां भी सड़कों की आवश्यकता होती थी, वहां सड़कें बन जाया करती थी। पीएम नरेंद्र मोदी सिर्फ विदेश भ्रमण में लगे हुए हैं।
उत्तर प्रदेश के अधिकारी सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की बात नहीं सुन रहे हैं। शिवपाल ने कहा कि सूबे में 10 गुना ज्यादा भ्रष्टाचार बढ़ा है। शिवपाल सिंह यादव ने भविष्य में भाजपा से गठबंधन से इंकार करते हुए दावा किया कि भाजपा की तरफ से तालमेल को लेकर कई बार बातचीत की गयी, लेकिन उन्होंने उससे किसी भी तरह के गठबंधन से इंकार कर दिया था।