प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। ये मन की बात का 68वां संस्करण है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय देश में सादगी के साथ कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में देश एक साथ कई मोर्चों पर लड़ रहा है

साथियो, हमारे चिंतन का विषय था- खिलौने और विशेषकर भारतीय खिलौने। हमने इस बात पर मंथन किया कि भारत के बच्चों को नए-नए खिलौने कैसे मिलें, भारत, खिलौना उत्पादन का बहुत बड़ा हब कैसे बने। साथियो, खिलौने जहां गतिविधि को बढ़ाने वाले होते हैं, वहीं खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं।
हमारे किसानों ने कोरोना की इस कठिन परिस्थितियों में भी अपनी ताकत को साबित किया है। कोरोना के इस कालखंड में देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ, कई बार मन में ये भी सवाल आता रहा कि इतने लंबे समय तक घरों में रहने के कारण, मेरे छोटे-छोटे बाल-मित्रों का समय कैसे बीतता होगा।
इन दिनों ओणम का पर्व भी धूम-धाम से मनाया जा रहा है। ये पर्व चिंगम महीने में आता है। इस दौरान लोग कुछ नया खरीदते हैं, अपने घरों को सजाते हैं, पूक्क्लम बनाते हैं, ओनम-सादिया का आनंद लेते हैं, तरह-तरह के खेल और प्रतियोगिताएं भी होती हैं।
ओणम की धूम तो, आज, दूर-सुदूर विदेशों तक पहुंची हुई है। अमेरिका हो, यूरोप हो, या खाड़ी देश हों, ओणम का उल्लास आपको हर कहीं मिल जाएगा। ओणम एक अंतरराष्ट्रीय त्योहार बनता जा रहा है।
मेरे प्यारे देशवासियो नमस्कार, देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है। हम बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात अवश्य हमारे ध्यान में आएगी- हमारे पर्व और पर्यावरण। इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता रहा है।
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