मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार उत्तर प्रदेश के हर श्रमिक एवं कामगार को सुरक्षित उनके घर तक लाएगी। यह प्रक्रिया मार्च के अंतिम सप्ताह से ही जारी है। जरूरत के अनुसार हम इसके लिए ट्रेन और बसों की मदद ले रहे हैं।
अलग-प्रदेशों (महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना आदि) से प्रदेश के श्रमिकों को लेकर चलीं 79 ट्रेनें रास्ते में हैं। शनिवार तक ये अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगी। 56 ट्रेनों से अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश और केरल आदि राज्यों से करीब 70 हजार श्रमिकों की वापसी हो चुकी है।
ट्रेनों के अलावा उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की करीब 10 हजार बसें भी आने वालों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचा रही हैं। शुक्रवार को हरियाणा से 30,000 श्रमिक अपने प्रदेश में पहुंचेगें।
मुख्यमंत्री ने अपील की है कि खुद के स्वास्थ्य और सुरक्षा के नाते कोई भी श्रमिक पैदल, साइकिल या दो पहिया से अपने घर के लिए न निकले। ये सारी व्यवस्था उसके लिए ही की गई है। धैर्य रखें सरकार उन तक जल्दी ही पहुंचेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा आने वाले हर प्रवासी के स्वास्थ्य की जांच उस जिले के क्वारंटीन सेंटर पर अनिवार्य रूप से हो रही है। स्वस्थ लोगों को उनके घर इस हिदायत के साथ भेजा जा रहा है कि वह घर पर होम क्वारंटीन के मानकों का अनुपालन करेंगे।
संदिग्ध को पूरी जांच के लिए सेंटर में ही आइसोलेट किया जा रहा है। घर जाने वाले हर श्रमिक को अनिवार्य रूप से भरण-पोषण के लिए एक हजार रुपये और तय मात्रा में खाद्यान्न भी दिया जा रहा है।
अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे लॉक डाउन के दौरान भी औद्योगिक इकाई के मालिकों से कह कर श्रमिकों को वेतन या मानदेय दिलाना सुनिश्चित कराएं।
अब करीब 55 हजार इकाइयां श्रमिकों को वेतन एवं मानदेय के रूप में 633.44 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी हैं। इस प्रक्रिया को संबंधित विभाग और तेज करते हुए हर प्रभावित श्रमिक को मानदेय या वेतन दिलाएं।