बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने ऊपर हत्या के प्रयास (धारा-307) का मुकदमा दर्ज होने पर नीतीश सरकार पर हमला बोला है। शनिवार को ट्वीट कर तेजस्वी यादव ने कहा कि बेरोजगारों के लिए नौकरी मांगी तो सरकार ने हम पर मुकदमा दर्ज करा दिया।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, विधि व्यवस्था, किसानों और गरीबों के लिए लड़ने से अगर हमें जेल जाना पड़ेगा तो खुशी से जाएंगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं डरने वालों में से नहीं हूं। संघर्ष हमारे खून में है।
बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव समेत 22 वर्तमान निर्वतमान विधायक, नेता और कार्यकर्ताओं पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, तोड़फोड़, मारपीट करने व जानलेवा हमला करने के मामले में डाकबंगला पर तैनात दानापुर की दंडाधिकारी प्रतिमा गुप्ता के बयान पर कोतवाली में जो एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
यह केस 23 मार्च को राजद की ओर से बेरोजगारी, महंगाई व भ्रष्टाचार के खिलाफ किये प्रदर्शन, हंगामा व पथराव मामले में दर्ज किया गया है। इस केस में हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं भी शामिल हैं। दर्ज एफआईआर के मुताबिक मुख्य आरोपितों में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, जगदानंद सिंह, श्याम रजक, निराला यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, निर्भय आंबेडकर, आजाद गांधी, महताब आलम, प्रेम गुप्ता, भाई अरुण, रीतलाल यादव, राजेंद्र यादव, रमई राम, शक्ति यादव, अर्चना यादव, ऋतु , चेतन आनंद डॉ. गौतम कृष्ण, क्रांति सिंह, कारी सुहैब तथा 800 अज्ञात शामिल हैं।
दंडाधिकारी की ओर से आईपीसी की धारा 144, 149, 341, 342, 323, 188, 307, 333, 337, 338, 427, 353 व 304 के अलावा 51/57 डिजास्टर मैनेजमेंट 2005 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। विधिक जानकारों के मुताबिक इनमें 307 हत्या के प्रयास का गंभीर मामला है और गैर जमानतीय है।
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