किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में मां शारदालय मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यानी शनिवार को मंदिर का लोकार्पण किया। इस दौरान कन्वेंशन सेंटर में लोगों को संबोधित करते हुए सीएम ने विद्या और मेधा की अधिष्ठात्री, मां सरस्वती और आरोग्य के देवता धन्वंतरि की प्रतिमा के स्थापना कार्यक्रम में केजीएमयू के परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष यहां बसंत पंचमी पर ‘मां शारदा’ की पूजा होती थी और फिर प्रतिमा को गोमती में विसर्जित करना पड़ता था।
इससे बचने के लिए एक स्थायी देव विग्रह की आवश्यकता थी, इसलिए यहां मां शारदा का मंदिर शारदालय के रूप में प्राप्त हुआ। पहले लोग घर से लोग कचरा लाकर नदी में फेंक देते हैं।
लेकिन अब गंगा स्नान ही नहीं आचमन लायक भी बनी है। गोमती की स्वच्छता के लिए समाज भी जिम्मेदारी निभाए। जल की कीमत धीरे-धीरे समाज को चुकानी पड़ रही है।
सीएम ने कहा कि आरोग्यता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि हम रोग के कारण को भी जानें और उसके उपचार के लिए उचित उपाय करें। मुझे विश्वास है कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी अपने इस अभीष्ट लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा।
बहुत से क्षेत्रों में जहां एक ओर जल का भीषण संकट है तो दूसरी ओर जलजनित बीमारियों की चपेट में एक बड़ा क्षेत्र आ रहा है। केजीएमयू ने मंदिर की स्थापना कर जल में मूर्ति के विसर्जन पर केमिकल से होने वाली समस्याओं से बचने का एक अभिनव प्रयास किया है।
आज से तीन वर्ष पहले जब एनडीआरएफएचक्यू (NDRFHQ) की टीम गंगा के जल में अभ्यास करती थी, तब सप्ताह भर में ही टीम के सदस्यों के शरीर पर लाल चकत्ते पड़ जाते थे और उपचार में हजारों रुपए खर्च करने पड़ते थे।
‘नमामि गंगे परियोजना’ के अंतर्गत हमारे प्रयासों का एक और परिणाम ‘प्रयागराज कुम्भ’ भी है, जिसमें 24 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई। हमने कानपुर के चमड़ा उद्योग और सीवर से गंगा में गिरने वाली गंदगी को विगत वर्ष के प्रारंभ में ही बंद कर दिया। साथ ही चमड़ा उद्योग में तकनीक को बेहतर करने के आदेश दिए गए। आज कानपुर में गंगा का जल निर्मल हो गया है।
इससे पहले कार्यक्रम परिसर में सीएम योगी ने सबसे पहले रूद्राक्ष का पौधा रोपित किया। उसके बाद मंदिर का लोकर्पण कर दर्शन किए। इस दौरान काशी से आये आचार्यो ने पूजन कराया। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना पद्मविभूषण डॉ वीरेंद्र हेगड़े समेत कई विशिष्ट लोग मौजूद रहे।