बांग्लादेश में एक हिंदू गांव पर हेफज़ात-ए-इस्लाम समर्थकों ने हमला किया है. बुधवार की सुबह सुनामगंज के शल्ला अपजिला में एक हिंदू गांव पर हजारों हेफज़ात-ए-इस्लाम समर्थकों ने हमला किया. दरअसल, एक हिंदू ने फेसबुक पोस्ट लिखकर बंगबंधु की मूर्ति का विरोध करने वाले हेफज़ात-ए-इस्लाम के संयुक्त महासचिव मावलाना मुफ्ती मामुनुल हक की आलोचना की थी.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, हेफज़ात-ए-इस्लाम के अमीर अल्लामा जुनैद बाबूनगरी, संयुक्त महासचिव मावलाना मुफ्ती मामुनुल हक और कई अन्य केंद्रीय नेताओं के सोमवार को डेरई अपज़िला में एक सम्मेलन किया. इस सम्मेलन में मामुनुल ने बंगबंधु की मूर्ति का विरोध किया. बंगबंधु शेख मुजीबउर रहमान बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे.
वर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता बंगबंधु शेख मुजीबउर रहमान को कई कट्टरपंथी इस्लामी संगठन राष्ट्रपिता मानने से इनकार करते रहे हैं. बंगबंधु की मूर्ति का हेफज़ात-ए-इस्लाम ने विरोध किया. इस विरोध पर एक हिंदू ने सवाल उठाया तो बुधवार को उसके गांव पर हथियारों के साथ भीड़ ने हमला कर दिया.
इस हमले से पहले धार्मिक हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए क्षेत्र के हेफज़ात नेताओं ने मंगलवार रात को विरोध प्रदर्शन किया था. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने उसी रात फेसबुक पोस्ट करने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया था.
इसके बावजूद काशीपुर, नचनी, चांदीपुर और कुछ अन्य मुस्लिम आबादी वाले गांव के लोग बुधवार सुबह लगभग 9 बजे नोआगांव गांव में इकट्ठा हुए और स्थानीय हिंदुओं के घरों पर हमला किया. हबीबपुर यूनियन के अध्यक्ष विवेकानंद मजुमदार बकुल ने कहा कि गांव के कई घरों पर हमला किया गया था.
कई स्थानीय हिंदू खुद को बचाने के लिए अपने घरों से भाग गए. पुलिस के अनुसार, घटना में 70-80 घरों में तोड़फोड़ की गई. खबर मिलते ही शैला थाने से बड़ी संख्या में पुलिस पहुंच गई. शैला पुलिस स्टेशन OC नज़्मुल हक ने कहा कि पुलिस के साथ-साथ आरएबी के सदस्यों को मौके पर तैनात किया गया था.
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की मध्यस्थता से माहौल शांत है, जिसमें अपजिला अध्यक्ष अल अमीन भी शामिल हैं. सुनामगंज के उपायुक्त जहांगीर हुसैन और पुलिस अधीक्षक मिजानुर रहमान ने घटनास्थल का दौरा किया और ग्रामीणों को शांत किया, ओसी नजमुल ने यह भी कहा कि जो लोग भाग गए थे, वे भी घर लौट आए हैं.