उत्तर प्रदेश के हजारों गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को राज्य सरकार नये साल में मान्यता का उपहार देने की तैयारी कर रही है। करीब सात साल बाद प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता मिलेगी। वर्ष 2015 में तत्कालीन अखिलेश सरकार ने करीब 1500 मदरसों को सरकारी मान्यता प्रदान की थी। इस वक्त राज्य में करीब 16000 मदरसे मान्यता प्राप्त हैं।
पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करवाया था जिसमें कुल 5,840 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले थे। अब इन मदरसों का सारा ब्योरा संकलित कर उसकी पड़ताल की जा रही है। इनमें से जो मदरसे मान्यता के लिए आवेदन करेंगे उन्हें तयशुदा मानकों के आधार पर मान्यता दी जाएगी। यही नहीं मदरसों के आर्थिक स्रोत की पड़ताल भी करवायी जाएगी।
मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डा. इफ्तेखार जावेद ने कहा कि पिछले दिनों अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों के साथ कामकाज की प्रगति की समीक्षा बैठक की थी। उसमें उन्होंने ऐसे मदरसों को चिन्हित किये जाने के निर्देश दिये हैं जिनके आर्थिक स्रोत संदिग्ध हैं या पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में निजी मदरसों की सर्वेक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के प्रमुख ने कहा है कि एक बार फिर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर इफ्तेखार जावेद ने बताया था कि सर्वेक्षण में गैर मान्यता प्राप्त पाए गए मदरसों के लिए शासन की अनुमति से मान्यता की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो लोग मदरसा बोर्ड से मान्यता चाहते हैं, उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा। जावेद ने कहा कि मान्यता मिलने से मदरसों के साथ-साथ छात्रों को भी फायदा मिलेगा। तब उन्हें मिलने वाली डिग्री मदरसा बोर्ड उपलब्ध कराएगा, जिनकी व्यापक मान्यता होती है।