सफ़ेद चूहा देखने से होती है सारी मनोकामनाये पूरी

kar_588910e898db3करनी माता के मंदिर को  चूहों वाली माता का मंदिर, चूहों वाला मंदिर और मूषक मंदिर भी कहा जाता है, जो राजस्थान के बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर देशनोक शहर में स्थित है. करनी माता इस मंदिर की अधिष्ठात्री देवी हैं, जिनकी छत्रछाया में चूहों का साम्राज्य स्थापित है. इन चूहों में अधिकांश काले है, लेकिन कुछ सफेद भी है, जो काफी दुर्लभ माने जाते है .

ऐसा कहा जाता है की राव बीकाजी, जो बीकानेर के निर्माता है को देवी करनी  माता से आशीर्वाद प्राप्त था. तब से देवी को बीकानेर राजवंश के संरक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है. बताया जाता है की राजा गंगा सिंह द्वारा 20 वीं शताब्दी में इस मंदिर का निर्माण किया गया था.

आश्चर्यजनक यह है कि ये चूहे बिना किसी को नुकसान पहुंचाए मंदिर परिसर में दौड़ते-भागते और खेलते रहते हैं. वे लोगों के शरीर पर कूदफांद करते हैं, लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते. यहां ये इतनी संख्या में हैं कि लोग पांव उठाकर नहीं चल सकते, उन्हें पांव घिसट-घिसटकर चलना पड़ता है, लेकिन मंदिर के बाहर ये कभी नजर ही नहीं आते.

ऐसा माना जाता है की इन चूहों में देवी के बच्चों की आत्मा होती हैं जिन्हें चरण कहा जाता है . इन चूहों के प्रति यहाँ के लोगों में गहरी आस्था है . यहाँ के लोगों की ऐसी धारणा  है की यदि कोई श्रद्धालु यहाँ सफ़ेद चूहा देख ले तो वो बहुत भाग्यशाली होता है . साथ ही ये भी माना जाता है की यहाँ मौजूद चूहे अगर किसी श्रद्धालु के पैर में चढ़ जाएं तो उस व्यक्ति की मनोकामना बहुत जल्द पूरी होती है . इन चूहों को चढ़ावे के रूप में प्रसाद चढ़ाया जाता है .

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