देश में स्वाइन फ्लू (H1N1) के बढ़ते प्रकोप के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की। इस दौरान सचिव को बताया गया कि साल 2019 में 3 फरवरी तक देश में स्वाइन फ्लू के कुल 6701 मामले सामने आए हैं। वहीं, स्वाइन फ्लू के चलते अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर मौतें राजस्थान, गुजरात और पंजाब में हुई हैं। राजस्थान के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही एक टीम रवाना कर चुका है। सूदन ने पंजाब और गुजरात के लिए भी टीम रवाना करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर सचिव संजीव कुमार, ड्रग कंट्रोलर जनरल एस. रेड्डी भी मौजूद थे। 
राजधानी दिल्ली में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या 1019 हो गई है। बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बुधवार को एक बार फिर गाइडलाइन जारी की है। इसके पहले बीते शुक्रवार को सरकार ने दिशा निर्देश जारी किए थे। बीते 48 घंटे के दौरान राजधानी में 124 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही इस जनवरी से अअब तक सिर्फ दिल्ली में ही स्वाइन फ्लू पीड़ितों की संख्या 1019 हो गई है। इसमें 812 वयस्क और 207 बच्चे शामिल हैं।
इस बीमारी से अब तक इस साल सिर्फ एक 56 वर्षीय सिर्फ एक व्यक्ति की ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है। मृतक का इलाज सफदरजंग में चल रहा था जबकि जनवरी से लेकर अब तक सफदरजंग और राममनोहर लोहिया में ही वरिष्ठ डॉक्टरों ने 13 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत की जानकारी दी है। इनमें तीन मौत सफदरजंग और 10 मौत राम मनोहर लोहिया अस्पताल में हुई हैं।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार खांसने और छींकने के दौरान अपनी नाक व मुंह को कपड़ा या रु माल रखें। अपने हाथों को साबुन व पानी से नियमित धोयें, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें, फ्लू से संक्रमित हों तो घर पर ही आराम करें, फ्लू से संक्रमित व्यक्ति से एक हाथ तक की दूरी बनाए रखें, पर्याप्त नींद और आराम लें, पर्याप्त मात्रा में पानी – तरल पदार्थ पियें और पोषक आहार खाएं। इसके अलावा अपनी सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान रखें। यदि शरीर में दर्द या अन्य किसी तरह की परेशानी लगे तो डाक्टर से जरूर मिले। बता दें कि दिल्ली में स्वाइन फ्लू तेजी से फैल रहा है। अबतक 1200 से अधिक मरीज दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में पहुंच चुके हैं। जबकि रोजाना 100 के करीब मरीज स्वाइन फ्लू के लक्षणों के साथ पहुंच रहे हैं।
निर्देश के अनुपालन पर फोकस
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीमारी के उपचार, प्रबंधन, टीकाकरण, पृथक व्यवस्था, जोखिम के वर्गीकरण और रोकथाम उपायों के बारे में दिशानिर्देश हर अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों को जारी किए। सभी अस्पतालों को वेंटिलेटर तैयार रखने और रोग से रोकथाम के लिये सूचना प्रसारित कर रहा है। मौसमी इल्फ्लूएंजा एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) के लिये हिंदी और अंग्रेजी में स्वास्थ्य परामर्श तैयार किया गया है।
आंकड़ेबाजी उलझे अस्पताल
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने बीते सोमवार तक दिल्ली सरकार ने स्वाइन फ्लू से किसी के मरने की रिपोर्ट नहीं की थी लेकिन मंगलवार की रिपोर्ट में एक व्यक्ति की मृत्यु होने का दावा किया। इसके ठीक इतर, केंद्र सरकार संचालित दो अस्पतालों में इस साल स्वाइन फ्लू से 13 लोगों की मृत्यु की पुष्टि कर चुके हैं। सफदरजंग अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टरों के अनुसार इस बार स्वाइन फ्लू से तीन लोगों की मृत्यु की रिपोर्ट है जबकि आरएमएल अस्पताल में स्वाइन फ्लू आइसोलेशन यूनिट के डाक्टर ने इस बीमारी से 10 लोगों की मृत्यु होनी की पुष्टि जनवरी से अब तक की है। अधिकारियों ने बताया कि आरएमएल अस्पताल में स्वाइन फ्लू से मरने वाले 10 मरीजों में से 9 दिल्ली से थे और एक व्यक्ति शहर से बाहर का था।
सरकार के दावों के उलट बोले मरीज
इल्फ्लूएंजा (एच1एन1) पर राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव संजीव खिरवाल ने हाल में कहा था कि शहर में सभी सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी के प्रबंधन के लिये आवश्यक साजो-सामान एवं निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई किट) सहित दवाइयां उपलब्ध हैं। साथ ही एन95 मास्क भी मौजूद हैं। लेकिन स्थिति इन अस्पतालों की संतोषजनक नहीं है। मरीजों के लिए स्वाइन फ्लू वार्ड में जगह नहीं है, उन्हें मास्क बाजार से खरीदना पड़ रहा है।
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