राजनेताओं में गोत्र को लेकर जारी सवाल-जवाब के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी अपना गोत्र बताया है. इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद स्मृति अपना गोत्र बताने वाली दूसरी राजनेता बन गई हैं. ट्विटर पर एक शख्स की ओर से पूछे गए सवाल पर स्मृति ने अपना गोत्र बताया है. केंद्रीय मंत्री ने पिता पक्ष से अपना गोत्र बताया है. साथ ही यह भी बताई हैं कि उनके पति पक्ष से गोत्र नहीं है.
यूजर @RiturajKonwar15 ने ट्विटर पर पूछा, ‘क्या मैं स्मृति ईरानी जी (@smritiirani) और उनके पति वह बच्चों को गोत्र जान सकता हूं. क्या वह सिंदूर धार्मिक करणों से लगाती हैं या यह केवल फैशन है?’ @RiturajKonwar15 ने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री के आधिकारिक ट्विटर पेज, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर पेज को टैग किया है.
ट्विटर यूजर के सवाल पर स्मृति ईरानी ने लिखा है, ‘मेरा गोत्र कौशल है. मेरे पिता, दादा और परदादा का भी यही गोत्र रहा. मेरे पति और बच्चे पारसी हैं, इसलिए उनका कोई गोत्र नहीं है. हिन्दू होने के चलते मैं सिंदूर लगाती हूं, धन्यवाद.’ स्मृति के इस जवाब पर ट्विटर पर कई यूजर उन्हें शाबाशी दे रहे हैं. लोग इस बात की तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने गोत्र से जुड़े सवाल का बेबाकी से जवाब दिया है.
मालूम हो कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध शिवलिंग की पूजा करने पहुंचे थे. उस दौरान बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस करके उनका गोत्र पूछा था. पिछले दिनों राजस्थान के पुष्कर मंदिर में पूजा के दौरान पुजारी के पूछने पर राहुल गांधी ने बताया था कि उनका गोत्र कौल है. वे दत्तात्रेय कौल ब्राह्मण हैं. यहां गौर करने वाली बात यह है कि राहुल गांधी के परनाना पंडित जवाहर लाल नेहरू कश्मीरी पंडित थे, जबकि राहुल के दादा फिरोज गांधी पारसी समाज से आते थे. वहीं राहुल गांधी की मां ईसाई धर्म से आती हैं. यानी राहुल गांधी का ननिहाल पक्ष ई्रसाई है.
कौल ब्राह्मण कौन होते हैं?
संस्कृत में कौल शब्द की उत्पत्ति कुल से हुई है. कश्मीरी ब्राह्मण इसको अपने सरनेम के रूप में इस्तेमाल करते हैं. इनका संबंध शैव संप्रदाय से जोड़ा जाता है. पंडित जवाहरलाल नेहरू कौल ब्राह्मण थे. उनका सरनेम नेहरू इसलिए पड़ा क्योंकि उनका घर नहर किनारे था. इसलिए उनका परिवार नेहरू सरनेम से प्रसिद्ध हुआ. हिंदू वंशावली परंपरा में पिता के आधार पर पुत्र के गोत्र का निर्धारण होता है. इस लिहाज से देखें तो राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी पारसी थे. इस कारण उनका दत्तात्रेय गोत्र से जुड़ा दावा सही प्रतीत नहीं होता.