Madhya Pradesh School Education Department स्कूल शिक्षा विभाग ने बोर्ड और वार्षिक परीक्षा को लेकर स्कूलों को टारगेट दिया है। इस बार 5वीं व 8वीं की वार्षिक परीक्षा बोर्ड की तर्ज पर ली जा रही है। इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने आदेश जारी किए हैं। वहीं, लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने भी 10वीं व 12वीं की प्री-बोर्ड और 9वीं व 11वीं की वार्षिक परीक्षा को लेकर लक्ष्य तय किया है।
सभी स्कूलों को पिछले वर्ष के परीक्षा परिणाम को देखते हुए इस साल का लक्ष्य दिया गया है। इसमें अगर कोई भी स्कूल विभाग द्वारा दिए गए टारगेट से कम प्रतिशत लाता है तो स्कूल के शिक्षकों व प्राचार्यों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में डीपीआई ने रविवार को स्कूलों में कक्षाएं आयोजित कर कोर्स पूरा करने और रिवीजन कराने का निर्देश दिया है।
ज्ञात हो कि पिछले साल 30 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम लाने वाले स्कूलों के शिक्षकों की दो बार परीक्षा ली गई। दूसरी बार भी जो शिक्षक फेल हो गए, प्रदेश के ऐसे 16 शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। वहीं, कार्रवाई के डर से स्कूलों में अतिरिक्त समय देकर शिक्षक कोर्स पूरा कराने में जुटे हैं। कुछ सरकारी स्कूलों में रविवार को भी कक्षाएं लगाई जा रही हैं।
30 फीसदी से कम रिजल्ट लाने वाले स्कूलों को दिया गया लक्ष्य
साल 2019 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा में रीवा, सिंगरौली, ग्वालियर के सरकारी स्कूलों का परीक्षा परिणाम 30 फीसदी से भी कम आया था। वहीं, राजधानी में भी दो स्कूलों का रिजल्ट 30 फीसदी से कम आया था।
मेधावी छात्राओं की अलग से हो रही तैयारी
शासकीय कन्या उमावि शारदा विद्या विहार स्कूल में रविवार को भी रिवीजन कराया जा रहा है। शिक्षक छात्रावास में भी जाकर पढ़ा रहे हैं। साथ ही दसवीं व बारहवीं कक्षा से मेधावी की सूची में लाने के लिए दो छात्राओं का चयन किया गया है। इन छात्राओं को मेरिट में लाने के लिए विशेष तैयारी कराई जा रही है। इनकी कॉपियों को प्राचार्य हर रोज जांचती हैं। साथ ही शिक्षक भी इन्हें स्कूल के बाद अलग से पढ़ा रहे हैं। वहीं, शासकीय प्राथमिक शाला बावड़ियाकलां में भी रविवार को कक्षाएं लगाई जा रही हैं।
इनका कहना है
पिछले साल बोर्ड परीक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों को इस साल बेहतर परिणाम लाने के लिए लक्ष्य दिया गया है। इसकेलिए स्कूलों को रविवार को भी कक्षाएं लगाने के लिए कहा गया है। वहीं, इस बार दो वार्षिक व दो प्री-बोर्ड परीक्षाएं कराई जा रही हैं, ताकि त्रुटियों को जानकर सुधारा जा सके।