निजी स्कूलों की फीस को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर और ग्वालियर खंडपीठ में लगी सभी याचिकाओं पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। मंगलवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल और जस्टिस संजय द्विवेदी की युगलपीठ के समक्ष राज्य की निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने 13 जुलाई को अगली सुनवाई निर्धारित कर दी। इस बीच इंदौर और ग्वालियर बेंच के भी स्कूल फीस संबंधी केस जबलपुर ट्रांसफर होंगे। जनहित याचिकाकर्ता जबलपुर के डॉ. पीजी नाजपाण्डे और रजत भार्गव का पक्ष अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से रखा। उन्होंने जबलपुर में जस्टिस अतुल श्रीधरन और इंदौर में जस्टिस सतीश शर्मा के विरोधाभासी आदेशों को रेखांकित किया।
दो अलग-अलग आदेश पारित हुए
उन्होंने साफ किया कि निजी स्कूलों की फीस वसूली के बिन्दु पर हाई कोर्ट की दो बेंचों ने अलग-अलग आदेश पारित कर दिए हैं। इंदौर बेंच ने निजी स्कूलों को शिक्षण शुल्क (ट्यूशन फीस) के अलावा अन्य शुल्क भी वसूलने स्वतंत्र करते हुए राज्य शासन के सिर्फ शिक्षण शुल्क वसूलने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी थी। जबकि हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर ने इसी तरह की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए निजी स्कूलों द्वारा शिक्षण शुल्क के अलावा अन्य शुल्क वसूले जाने पर अंतरिम रोक लगा दी। इस तरह एक ही मुद्दे पर हाई कोर्ट के दो विरोधाभासी अंतरिम आदेश सामने आ गए। ऐसे में महत्वपूर्ण कानूनी बिन्दु का निर्धारण आवश्यक प्रतीत हो रहा है।
मुख्य न्यायाधीश देंगे आगे की व्यवस्था
इंदौर बेंच ने साफ कर दिया कि अब स्कूल फीस संबंधी सभी याचिकाएं संयुक्त रूप से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर में ही सुनी जाएंगी। मुख्य न्यायाधीश ही इस संबंध में बेंच के निर्धारण की व्यवस्था को अंतिम रूप देंगे। संभावना यही है कि उनकी अध्यक्षता वाली युगलपीठ के समक्ष यह मामला विचारण के लिए निर्धारित होगा।
जबलपुर से इंदौर बेंच के स्टे को दी गई थी चुनौती
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष जबलपुर निवासी डॉ.पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव ने एक अंतरिम आवेदन के जरिए इंदौर बेंच द्वारा राज्य शासन के सिर्फ शिक्षण शुल्क वसूलने संबंधी अंतरिम स्थनादेश को चुनौती दी गई थी। मांग की गई थी कि स्टे ऑर्डर वापस लिया जाए। इंदौर बेंच ने विरोधाभासी दो आदेशों के कारण कोई आदेश पारित न करते हुए समग्र केस मुख्यपीठ ट्रांसफर करने की व्यवस्था दे दी। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने अवगत कराया कि अब जबलपुर में स्कूल फीस को लेकर दायर फ्रेश पीआईएल के अलावा इंदौर व ग्वालियर बेंच में दायर नई व पुरानी पीआईएल भी जबलपुर में यूनिफाइड रूप से लिंक-क्लब करके सुनी जाएंगी।