सौरव गांगुली के भाई हुए कोरोना के शिकार,

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के अध्यक्ष सौरव गांगुली के बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। कोरोनो की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्नेहाशीष को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। भाई स्नेहाशीष के कोरोना की चपेट में आने के चलते सौरव गांगुली घर में ही क्वारंटाइन हो गए हैं। उनके परिवार के लोग भी क्वारंटाइन की प्रक्रिया से गुजरेंगे।

बता दें कि सौरव गांगुली और उनके भाई स्नेहाशीष गांगुली एक ही घर में अलग-अलग फ्लोर पर रहते हैं। हालांकि, इससे पहले जून में स्नेहाशीष के कोरोना वायरस से पॉजिटिव होने की खबरें सामने आई थीं, लेकिन तब स्नेहाशीष के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने की खबरें गलत साबित हुई थीं। हालांकि, इस पर स्नेहाशीष गांगुली का कोविड 19 टेस्ट सकारात्मक आया है, जिससे उनको अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है।

गौरतलब है कि पिछले महीने स्नेहाशीष की पत्नी और उनके सास-ससुर भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। उस समय से स्नेहाशीष मोमिनपुर स्थित अपने घर से बेहला स्थित पैतृक निवास में आकर रह रहे  थे, जहां सौरव भी अपने परिवार के साथ रहते हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सौरव ने एक साक्षात्कार में कहा था, “मेरे भैया हमारी फैक्ट्रियों का हर दिन दौरा करते हैं, इसलिए वे ज्यादा जोखिम में हैं।”

आपकी जानकारी के लिए बता दें, स्नेहाशीष गांगुली  क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) के संयुक्त सचिव हैं। इसके अलावा स्नेहाशीष को कोरोना होने के बाद कैब के अध्यक्ष अभिषेक डालमिया ने भी खुद को होम क्वारंटाइन में रखने का फैसला किया है। ईडन गार्डेंस स्टेडियम में स्थित कैब मुख्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। कैब के कर्मचारियों को फिलहाल घर से ही काम करने को कहा गया है।

स्नेहाशीष गांगुली को भारतीय टीम के लिए तो इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला है, लेकिन वे घरेलू क्रिकेट में काफी सक्रिय रहे हैं। स्नेहाशीष ने कोलकाता और बंगाल के लिए 59 रणजी ट्रॉफी के मैच खेले हैं। वे बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और ऑफ ब्रेक गेंदबाज हैं। बतौर बल्लेबाज उन्होंने 59 फर्स्ट क्लास मैचों में 2534 रन बनाए हैं, जिसमें 6 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं। उनका फर्स्ट क्लास हाईएस्ट स्कोर 158 रन है।

इतना ही नहीं, स्नेहाशीष ने 1988 से 1997 तक 18 लिस्ट ए मैच भी खेले हैं, लेकिन वनडे क्रिकेट में उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। 18 मैचों की 17 पारियों में वह सिर्फ 275 रन बना सके थे, जिसमें सिर्फ एक अर्धशतक शामिल था। बतौर गेंदबाज न तो वे फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सफल हो पाए और न ही लिस्ट ए क्रिकेट में। स्नेहाशीष ने अपने प्रोफेशन करियर में सिर्फ 2 विकेट चटकाए हैं।

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