सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आज के दौर में शहरी इलाकों से निकलकर गांवों तक पहुंच चुका है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में स्मार्टफोन का इस्तेमाल बढ़ा है। साथ ही घरेलू सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे MX Takatak, Bolo Indya, Roposo, Mitron के इस्तेमाल में इजाफा हुआ है। डिजिटल मुहिम की बात करें, तो मौजूदा वक्त में देश में 10 में से करीब 4 लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घरेलू डिजिटल कंटेंट में इजाफा दर्ज किया गया है। Google-KPMG डेटा की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक 70 % भारतीय लोकल लैंग्वेज में डिजिटल कंटेंट सर्च करते हैं।
स्मार्टफोन की उपलब्धता के साथ आसान इंटरफेस के साथ लोकल लैंग्वेज की दुनिया में क्रांति ला दी है। इसमें ग्रामीण महिलाओं का योगदान काफी अहम रहा है। साथ ही छोटे कस्बों में महिलाओं के सशक्तिकरण में इजाफा किया गया है। साथ ही महिलाओं ने समाज में स्टीरियो टाइप को तोड़ने में मदद की है। इसके अलावा महिलाओं की जीवन को प्रभावित करने का काम किया है। कई अध्ययनों से पता चला है कि महिलाएं सोशल मीडिया पर पुरुषों के मुकाबले ज्यादा समय खर्च करती हैं। साथ ही देश को अपने पैशन से काफी आगे निकल रही हैं।
कुछ ऐसी ही कहानी मुंबई की 26 वर्षीय महिला Anmol Rodriguez की है, जो हिंदी में कंटेंट क्रिएट करती हैं। वह सिर्फ दो महीने की थी, जब उसके पिता ने एसिड डालकर उसे मारने की कोशिश की थी। हालांकि आज वो एसिड अटैक सर्वाइवर एक आत्मविश्वास से भरी महिला है, जो सोशल मीडिया Bolo के जरिए लोगों एसिड सरवाइवर को मोटिवेट करने का काम करती हैं।
एक ऐसी ही स्टोरी Bolo Indya सुपर विमेन क्रिएटर पूनम यादव की है, जो वाराणसी की रहने वाली हैं। यह फिटनेस को लेकर जागरूक करती हैं। पूनम से साल 2011 में वेटलिफ्टिंग शुरू की थी। पूनम को वर्ल्ड स्टेज पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। वो सोशल मीडिया पर महिलाओं को फिटनेस की ट्रेनिंग देती है। साथ ही उनके लिए विडियो बनाती हैं। पूनम फिटनेस टेक्निक, हेल्थ और डाइट की जानकारी देती है। उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Bolo पर करीब 1.5 मिलियन फॉलोअर हैं।