सोशल मीडिया बना आंदोलन की ताकत, छात्रों के आगे झुका SSC

सोशल मीडिया बना आंदोलन की ताकत, छात्रों के आगे झुका SSC

एसएससी मुख्यालय पर जारी आंदोलन में एकजुटता बढ़ाने के लिए छात्रों ने किसी राजनीतिक दल या अन्य संसाधनों की मदद लेने के बजाय सोशल मीडिया को ताकत बनाया। देशभर के छात्र पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर बिना किसी तैयारी के दूसरे राज्यों से दिल्ली कूच कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि व्हाट्स ऐप, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से छात्र इस आंदोलन से जुड़ रहे हैं। सोशल मीडिया बना आंदोलन की ताकत, छात्रों के आगे झुका SSC

 मुख्यालय पर छह दिन चले आंदोलन के बाद झुका एसएससी, सभी मांगें पूरी कराने पर अड़े छात्र

छात्रों ने कहा कि आंदोलन को दबाने के लिए प्रशासन ने कई प्रयास किए। इनमें मेट्रो बंद करना, खाने-पीने के सामान पर पाबंदी लगाना, शौचालय बंद करना आदि शामिल थे। एसएससी द्वारा सीजीएल के एक पेपर की सीबीआई जांच की घोषणा छात्रों की मांगों के अनूरूप नहीं है। छात्रों ने कहा कि वे अपनी सभी मांगों को मनवाने के लिए देश के अन्य राज्यों के छात्रों को दिल्ली आने के लिए सोशल मीडिया के जरिये जोड़ रहे हैं। 

कोचिंग सेंटर्स मुहैया करा रहे खाना

छह दिन से लोधी रोड पर आंदोलन कर रहे छात्रों को सरकारी नौकरियों की तैयारी कराने वाले निजी प्रशिक्षण संस्थान भी सहयोग कर रहे हैं। एक छात्र ने बताया कि संख्या बढ़ने के साथ उनके सामने खाने-पीने की परेशानियां आ रही हैं। निजी प्रशिक्षण संस्थान आंदोलनरत छात्रों को खाना मुहैया करा रहे हैं। 

एबीवीपी का राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह को पत्र

छात्र आंदोलन के समर्थन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने रविवार को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह को पत्र लिखकर सीजीएल पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। परिषद के राज्य सचिव भारत खटाना ने पत्र में मांग की है कि लीक हुए पेपर के अलावा एसएसी की सभी परीक्षाओं की सीबीआई जांच कराई जाए। एसएससी से जुड़े निजी संस्थानों के खिलाफ भी सीबीआई जांच होनी चाहिए।

छह दिन में कई गुना हुई आंदोलन की ताकत

पहला दिन-आंदोलन में शामिल छात्र नितिन ने बताया कि पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग को लेकर 27 फरवरी को पहले दिन छात्र एसएससी मुख्यालय पर आंदोलन के लिए पहुंचे, लेकिन उनकी आवाज नहीं सुनी गई। 

दूसरा दिन-अपनी आवाज प्रशासन तक पहुंचाने के लिए हजारों छात्रों ने एसएससी को चलाने वाले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर 28 फरवरी को मार्च शुरू किया। करीब एक किमी बाद ही पुलिस ने बेरिकेडिंग करके छात्रों को रोक दिया। 

तीसरा दिन-एक मार्च को आंदोलन में छात्रों की संख्या और बढ़ गई। इसके बाद छात्रों का प्रतिनिधिमंडल प्रभावी रूप से एसएससी अध्यक्ष से मिला। उन्होंने सीबीआई जांच से जुड़ी उनकी सभी मांगों को खारिज कर दिया।

चौथा दिन-दो मार्च को देश में होली का त्यौहार मनाया जा रहा था, लेकिन छात्रों ने चेहरों पर काला रंग लगाकर एसएससी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए काली होली मनाई। इस दौरान 10 छात्र भूख और प्यास के कारण बेहोश हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

पांचवां दिन-3 मार्च को नेताओं ने छात्रों की सुध लेनी शुरू की। छात्रों की मांगों को पूरा कराने में समर्थन देने की घोषणाएं की गईं। इसके दौरान मीडिया ने आंदोलन को कवरेज देकर आंदोलन को देशव्यापी बनाने में मदद की।

छठा दिन-4 मार्च को गृह मंत्रालय ने छात्रों की सुध ली। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और एसएससी अध्यक्ष को तलब किया। इसके बाद एसएससी एक पेपर की सीबीआई जांच कराने के लिए तैयार हो गया। छात्र अपनी सभी मांगों को पूरा कराने के लिए आंदोलन को जारी रखे हुए हैं। 

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