श्रीलंका में ईस्टर वाले दिन हुए बम धमाकों के बाद सरकार ने कई तरह के अहम फैसले लिए, जिनमें एक सोशल मीडिया पर बैन का फैसला भी था। यह एक टेम्पररी बैन था, जिसे अब श्रीलंकाई सरकार ने हटा दिया है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना द्वारा मंगलवार को सोशल मीडिया के उपयोग पर सरकार के प्रतिबंध को हटा दिया गया जो 21 अप्रैल ईस्टर रविवार बम विस्फोटों के बाद पूरे द्वीप राष्ट्र में लगाया गया था। बता दें कि इन विस्फोटों में 253 लोग मारे गए थे।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, सरकार के सूचना विभाग के एक बयान में कहा गया है कि सिरिसेना ने अस्थायी प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया है, जिसे हमलों के तत्काल बाद लागू किया गया था। संक्षिप्त बयान में, विभाग के प्रमुख, नलका कालुवेवा ने कहा कि सरकार, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से सोशल मीडिया साइटों पर उनके उपयोग को जिम्मेदारी से लेने की अपील करती है, बैन को हटा दिया गया है। कालुवेवा ने बताया, ‘सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय हमलों के तुरंत बाद लिया गया था। अब स्थिति का विश्लेषण करने के बाद, सरकार का मानना है कि इसे हटा दिया जाना चाहिए’। उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा, हमें स्थिति को सामान्य करने की दिशा में देखना होगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि ‘जो कोई भी यूजर गलत सूचना साझा करता है, उसे उसकी जिम्मेदारी लेनी होगी’। कालुवेवा ने बताया कि ‘आपातकालीन नियमों के तहत (जो अभी देश में लागू हैं) गलत सूचना के प्रसार पर निगरानी रखी जा रही है और इस तरह के मामले को साझा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है’। बम विस्फोटों के तुरंत बाद, अधिकारियों ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी और सोशल मीडिया सेवाओं जैसें फेसबुक, व्हाट्सएप, वाइबर और स्नैपचैट मैसेजिंग ऐप को ब्लॉक कर दिया गया। इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि इस तरह के प्लेटफार्मों का इस्तेमाल हिंसा फैलाने के लिए किया जा रहा था।
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