दरअसल मूल परंपरा ये है कि यदि गांव या इलाके की सबसे खूबसूरत लड़की को कोई लड़का पानी से भिगोते हैं और वह लड़की इसका विरोध नहीं करती है तो आपके पाप मिट जाएंगे। लेकिन समय के साथ परंपरा में भी बदलाव हो गया है। अब लड़के किसी भी लड़की को पानी से भिगो देते हैं। कई बार तो छीना झपटी में बाल्टियां गिर जाती हैं और कार के शीशे तक टूट जाते हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ लड़कों को ये मौका मिलता है, लड़कियों को भी पाप धोने का अवसर दिया जाता है। लेकिन उसके लिए अलग दिन तय है।
इस्टर में मंगलवार का दिन लड़कियों के लिए तय है। वो चाहें तो लड़कों को भिगोकर पापों से मुक्ति पा सकती हैं लेकिन अमूमन ऐसा होता नहीं है। सोमवार के दिन ही लड़के और लड़कियां एक दूसरे पर पानी फेंक कर इस त्योहार को मना लेते हैं।