दि सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) ने केंद्र सरकार से खाद्य तेल पर सीमा शुल्क में दी गई छूट को क्रमिक रूप से वापस लेने का आग्रह किया है ताकि घरेलू बाजार में सोयाबीन की गिरती कीमतों को रोका जा सके। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में, सोपा के चेयरमैन डा. डेविश जैन ने कहा कि हाल के दिनों में केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क में कटौती सहित विभिन्न नीतिगत पहलों के परिणामस्वरूप पिछले चार सप्ताह में आयातित और घरेलू दोनों तरह के खाद्य तेलों में 15 प्रतिशत से 26 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
सोपा ने प्रदेश और देश के बाजारों में सोयाबीन की कीमतों में गिरावट और खाद्य तेलों के कम होते दामों के प्रति चिंता जताई है। डा. जैन के साथ ही सोपा के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने कि खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट से घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है। पर सोयाबीन की कीमतों में गिरावट ने सोयाबीन किसानों को एक बहुत ही नकारात्मक संकेत भेजा है। बुवाई का सीजन शुरू हो रहा है। ऐसे समय में जब खरीफ तिलहन की बुवाई का चरम समय है। यदि सोयाबीन की कीमतों में मौजूदा गिरावट आगे भी जारी रही, तो परिणामस्वरुप सोयाबीन के बुवाई का रकबा घट सकता है तथा किसान सोयाबीन की जगह दूसरी खरीफ फसलों की बुवाई की तरफ प्रेरित होंगे, जिसके फलस्वरूप पिछले दो वर्षों में अधिक तिलहन उगाने की गति रुक जाएगी।
उपरोक्त बातों को दृष्टिगत रखते हुए सोपा चेयरमैन ने सरकार से खाद्य तेलों पर मौजूदा शुल्क ढांचे की समीक्षा करने तथा खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क में क्रमिक वृद्धि की घोषणा करने का आग्रह किया है जो की ना सिर्फ किसानों एवं उपभोक्ताओं के हित में होगा बल्कि सरकार को अतिरिक्त राजस्व भी मिल सकेगा।