बाजार नियामक सिक्युरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल), उसके चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी के साथ दो अन्य कंपनियों पर जुर्माना लगाया है. सेबी ने जुर्माने की यह कार्रवाई रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (आरपीएल) के शेयरों में कथित तौर पर नवंबर 2007 में हेरफेर के लिए की है.
सेबी ने आरआईएल पर 25, इसके चेयरमैन मुकेश अंबानी पर 15 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा सेबी ने नवी मुंबई एसईजेड प्राइवेट लिमिटेड से 20, मुंबई एसईजेड लिमिटेड से भी 10 करोड़ रुपये जुर्माने का भुगतान करने को कहा गया है. यह मामला साल 2007 के नवंबर में नकद और वायदा खंडों में आरपीएल शेयरों की बिक्री और उनकी खरीद से जुड़ा है.
मार्च 2007 में आरआईएल ने आरपीएल में 4.1 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया था. बाद में सूचीबद्ध सहयोगी कंपनी का आरपीएल में विलय कर दिया गया था. इस मामले की सुनवाई करते हुए सेबी के सहायक अधिकारी बीजे दिलीप ने 95 पृष्ठ के अपने आदेश में कहा है कि आम निवेशक यह नहीं जानते थे कि एफ एंड ओ खंड के लेनदेन के पीछे की इकाई आरआईएल है.
उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि प्रतिभूतियों की मात्रा या कीमत में किसी भी तरह का हेरफेर निवेशकों के विश्वास को हमेशा के लिए खत्म कर देता है. सेबी के सहायक अधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि पूंजी बाजार में जोड़तोड़ के ऐसे मामलों में सख्ती से निपटा जाना चाहिए. गौरतलब है कि सेबी ने 24 मार्च 2017 के दिन आरपीएल केस में आरआईएल और अन्य संस्थाओं को आदेश दिया था कि वो निवेशकों के 447 करोड़ रुपये लौटाए.
सेबी के इस आदेश के खिलाफ आरआईएल ने सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (सैट ) में अपील की थी. सैट ने आरआईएल की अपील खारिज कर दी थी. तब आरआईएल ने ट्रिब्यूनल के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही थी.