ग्रहण के कारण सूतक के चलते देशभर के मंदिरों को बंद कर दिया गया है और अब मंदिरों के कपाट सूतक समाप्त होगे के बाद ही खुलेंगे।
कोलकाता के एमपी बिड़ला तारामंडल के निदेशक डॉ. देबीप्रसाद दुआरी ने बताया कि पूर्ण सूर्य ग्रहण बहुत ही छोटे हिस्से में दिखाई पड़ेगा। हिंद महासागर से सुमात्रा, बोरनियो जैसे कुछ पूर्वी एशियाई देश और ऑस्ट्रेलिया के कुछ द्वीप से यह नजारा दिखेगा।
प्रशांत महासागर के मध्य तक इस खगोलीय घटना की झलक दिखेगी। हालांकि इस इलाके के पास कोई देश नहीं है। इस मामले में भारत के लोग उतने भाग्यशाली नहीं हैं। यहां पर कुछ हिस्से में आंशिक सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है।
कोलकाता, सिलीगुड़ी, गुवाहाटी, पुरी, चेन्नई और कन्या कुमारी के लोग यह घटना देख सकेंगे। उत्तर पूर्वी भारत के लोगों को भी ग्रहण की शुरुआत दिख सकती है। यहां पर ग्रहण शुरू होने तक सूर्योदय हो चुका होगा।