अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के मामले की जांच करने मुंबई पहुंची सीबीआइ की टीम शनिवार को करीब छह घंटे उनके बांद्रा स्थित घर पर रही। वहां सुशांत की कथित आत्महत्या के सीन को रिक्रिएट किया गया तथा अन्य सुबूत भी इकट्ठा किए गए। इस दौरान सीबीआइ टीम ने घटना के दिन सुशांत के फ्लैट में रहे सिद्धार्थ पिठानी, रसोइया नीरज एवं एक अन्य स्टाफ दीपेश सावंत से पूछताछ भी की।
सीबीआइ के जांच अधिकारी शनिवार को दोपहर बाद करीब 2.30 बजे आठ कारों में बांद्रा (पश्चिम) स्थित मोंट ब्लांक बिल्डिंग पहुंचे। उनके साथ फॉरेंसिक विशेषज्ञ भी थे। सिद्धार्थ पिठानी, नीरज सिंह एवं दीपेश सावंत को सीबीआइ टीम अपने साथ ही ले गई थी। नीरज सिंह सुशांत की मौत से पहले उनसे बात करनेवाला आखिरी शख्स था। दोपहर एक बजे तक सुशांत का दरवाजा नहीं खुलने पर चाबी वाले को बुलवाकर दरवाजा खुलवाने एवं कथित तौर पर पंखे से लटके सुशांत के शव को उतारनेवाला सिद्धार्थ पिठानी था। सीबीआइ की टीम इन तीनों के बयानों के आधार पर सीन को रिक्रिएट करते हुए इनसे पूछताछ भी करती रही। शाम करीब आठ बजे फ्लैट से निकलने के बाद भी तीनों को अपने साथ लेती गई है। पता चला है कि सीबीआइ टीम सुशांत के फ्लैट पर फिर आ सकती है।
सुबूत और फिंगर प्रिंट इकट्ठा किए
सीबीआइ की टीम ने कार्टर रोड स्थित मोंट ब्लांट बिल्डिंग के गेट पर रखे आगंतुक रजिस्टर को भी खंगाला एवं बिल्डिंग के सुरक्षा गार्ड से पूछताछ भी की। गार्ड को सुशांत के फ्लैट पर ले जाकर भी पूछताछ की गई। सुशांत इस बिल्डिंग के डूप्लेक्स फ्लैट नंबर 601 में रहते थे, जिसमें प्रवेश के बाद अंदर से ही सातवीं मंजिल के फ्लैट पर जाया जा सकता है। सुशांत का कमरा सातवीं मंजिल पर था। फॉरेंसिक टीम ने दोनों मंजिलों के फ्लैट से तमाम तरह के सुबूत एवं फिंगर प्रिंट इकट्ठा किए। फिर बिल्डिंग की छत पर स्थित पानी टंकी के ऊपर भी जाकर अड़ोस-पड़ोस की वीडियो रिकॉर्डिंग की। पता चला है कि सीबीआइ टीम ने सुशांत के कुछ पड़ोसियों से भी बात की है। सूत्रों के अनुसार सिद्धार्थ पिठानी, नीरज एवं दीपेश से डीआरडीओ-एयरफोर्स गेस्टहाउस में भी रात में पूछताछ की जा सकती है। सिद्धार्थ एवं दीपेश से शुक्रवार को भी लंबी पूछताछ हुई थी।
तीन डॉक्टरों से भी हुई पूछताछ
सुशांत के फ्लैट पर जाने से पहले सीबीआइ की एक टीम ने कूपर अस्पताल जाकर उन तीन डॉक्टरों से भी पूछताछ की, जिन्होंने सुशांत का पोस्टमार्टम किया था। बता दें कि सुशांत का पोस्टमार्टम हड़बड़ी में किए जाने के आरोप लग रहे हैं। कोविड-19 के दौरान हुई इस प्रकार की मौत के पोस्टमार्टम से पहले शव का कोरोना परीक्षण कराना जरूरी होता है। सुशांत से एक सप्ताह पहले हुई उसकी पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के बाद उसके शव का कोरोना परीक्षण करवाया था। लेकिन सुशांत के मामले में रात में ही पोस्टमार्टम कर दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के समय का उल्लेख न होना भी संदेह खड़े कर रहा है। इसलिए सीबीआइ इस पोस्टमार्टम पर दिल्ली एम्स के विशेषज्ञों की भी मदद ले रही है। दूसरी ओर सीबीआइ की एक टीम ने आज फिर बांद्रा पुलिस स्टेशन पर सुशांत मामले की जांच में शामिल पुलिस टीम से पूछताछ की।