रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। आरक्षित कोचों में साइड लोअर बर्थ (बगल की नीचे वाली बर्थ) पर यात्रा भी आरामदायक होगी। यात्री चैन की नींद सो सकेंगे। पीठ में दर्द नहीं होगा। रेलवे बोर्ड ने यात्रियों की शिकायत पर साइड लोअर बर्थ के डिजाइन में बदलाव किया है। नई बनने वाली लिंक हाफमैन बुश कोचों (एलएचबी कोच) में अब नए डिजाइन की बर्थ ही बनाई जाएगी। कारखानों में भी मरम्मत के दौरान नए डिजाइन में ही बर्थ और सीटें तैयार की जाएंगी।
दरअसल, खिड़की के पास होने के चलते अधिकतर यात्री साइड लोअर बर्थ पर ही यात्रा करना चाहते हैं। आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) टिकट की सीटें भी साइड लोअर बर्थ पर ही आवंटित होती हैं। बर्थ के बीच में ज्यादा गैप के चलते यात्रियों को सोने में परेशानी होती है। यात्रियों के पीठ में दर्द होने लगता है। दो यात्रियों के एक साथ यात्रा करने पर मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। वे न ठीक से बैठ पाते हैं और न ही ठीक से सो पाते हैं। ऐसे में यात्रियों की शिकायतें बढ़ गई थीं। शिकायतें बोर्ड तक पहुंची तो समस्या का समाधान हुआ।
आम यात्रियों को सहूलियत देने के उद्देश्य से रेलवे बोर्ड ने साइड लोअर बर्थ का नया डिजाइन तैयार किया है। बर्थ के बीच के गैप को कम कर दिया गया है। नीचे वाली सीटों को और गद्दीदार बना दिया है। ताकि बैठने और सोने में यात्रियों को आराम मिल सके। फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे सहित अन्य जोन में नए डिजाइन पर सीट व बर्थ को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नए साल में यात्रियों को आरामदाय सफर की सौगात मिलनी शुरू हो जाएगी।
फिर से काले कोट में नजर आएंगे रेलवे के टीटीई
कोरोना काल में टीटीई को कोट न पहनने की छूट को रेलवे ने वापस ले लिया है। रेलवे के लखनऊ मंडल प्रशासन ने टीटीई को रेल यात्रा के दौरान ड्रेस में निर्धारित कोट पहनने का निर्देश है।