आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट मामले में आज भी सुनवाई होगी. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को फटकार लगाते हुए कहा था कि अथॉरिटी और बैंकर्स की मिली भगत के कारण खरीददारों और निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ने आकाश की ऊंचाई तक लोंगों से धोखाधड़ी की है और जो भी लोग इसके पीछे है चाहे वो कितने शक्तिशाली हों उन सब पर कड़ी कार्रवाई होगी. अदालत ने कहा कि आम्रपाली ने घर खरीददार, बैंक और अथॉरिटी सबको धोखा दिया है.
फोरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट को स्वीकार किया- इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फोरेंसिक ऑडिटर्स की उस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था, जिसमें बताया गया है कि कितने पैसों का गबन हुआ, किसका क्या रोल है और कैसे रकम की उगाही जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ आगे भी जांच जारी रखने का निर्देश दिया था. इससे पहले फॉरेंसिक ऑडिटर ने अंतरिम रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसके मुताबिक 330 करोड़ से ज्यादा हेराफरी हुई है. बैंकों की भी मिलीभगत सामने आई थी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आम्रपाली के सीएमडी और दो निदेशकों को गिरफ्तार करने निर्देश दिया था.
होमबॉयर्स के पैसे से खरीदी गई संपत्ति को अटैच करने के निर्देश- सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के फाइव स्टार होटल, लग्जरी कारें, मॉल, FMCG कंपनी, फैक्टरी कॉरपोरेट ऑफिस और होमबॉयर्स के पैसे से खरीदी गई अन्य संपत्ति को अटैच करने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल को ये संपत्ति बेचने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने आम्रपाली के सीएमडी और निदेशकों को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ आपराधिक केस शुरू किए जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से जुड़े लोगों को कहा था कि होम बायर्स के पैसे जो भी मिले हैं वो सुप्रीम कोर्ट के खाते में तक जमा कर दें.
NBCC से पूछा, किस तरह पूरे होंगे अधूरे प्रोजेक्ट- कोर्ट ने कहा कि जो ये नहीं करेगा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 2015 से 2018 तक के बीच के कागजात सोमवार तक फोरेंसिक ऑडिटर्स को दिए जाए. सुप्रीम कोर्ट ने NBCC से भी पूछा था कि आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्ट किस तरह पूरे होंगे. आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा की और से माना गया था कि होम बॉयर्स के 2900 करोड़ रुपये दूसरी कंपनियों और अफसरों को बतौर गिफ्ट व अन्य तरीके से दिए गए. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि तीनों निदेशक पुलिस निगरानी मे रहकर अपने ग्रुप की 46 कंपनियों के दस्तावेजों का कैटलॉग तैयार करके फारेंसिक ऑडिटर्स को सौंपेंगे.
तीनों निदेशकों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा- कोर्ट ने कहा था कि तीनों निदेशक रोज सुबह 8 से शाम 6 बजे तक दस्तावेजों का कैटलॉग बनवाएंगे. इसके बाद पुलिस निगरानी मे नोएडा के सेक्टर-62 स्थित होटल में रहेंगे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने तीनों निदेशकों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था. तीनों निदेशकों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार फॉरेंसिक ऑडिट के लिए अपने प्रोजेक्टों से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध न कराने का आरोप है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के निदेशकों समेत कुछ अन्य अधिकारियों को कोर्ट की अवमानना का नोटिस भी भेजा था. तीन दिन तक नोएडा व दिल्ली पुलिस की हिरासत में रहने के दौरान फॉरेंसिक ऑडिट संबंधी सभी दस्तावेज एकत्र नहीं हो सके थे.
पुलिस ने तीनों निदेशकों को कोर्ट में पेश कर संबंधित दस्तावेज एकत्र करने के लिए और समय मांगा था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तीनों निदेशकों को फिर से 15 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. आम्रपाली समूह को फॉरेंसिक ऑडिट के लिए अपनी 46 कंपनियों के दस्तावेज ऑडिटर को उपलब्ध कराने हैं.