2-3 जुलाई 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों को शहीद कर देश भर में सनसनी फैला देने वाले विकास दुबे केस में गिरफ्तार खुशी दुबे नए साल में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत और खुशी मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने खुशी दुबे को सशर्त जमानत दे दी है। हालांकि यूपी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में खुशी की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि उसके बाहर आने से विकास दुबे गिरोह फिर से सक्रिय हो सकता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि घटना के समय उसकी उम्र 17 साल से भी कम थी।
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने से 30 महीने बाद खुशी दुबे के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। खुशी दुबे विकास के भतीजे अमर दुबे की पत्नी है। खुशी और अमर की शादी बिकरू कांड से तीन दिन पहले ही हुई थी। अमर दुबे बिकरू कांड के पांचवे दिन ही एनकाउंटर में मारा गया था। इस तरह खुशी, अमर दुबे से शादी के आठ दिन बाद ही विधवा हो गई थी। बाद में दावा किया गया कि खुशी दुबे हत्याकांड के वक्त नाबालिग थी।
मिली जानकारी के अनुसार खुशी दुबे को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब इस केस में ट्रायल शुरू हो गया है। लिहाजा उसे अब जेल में रखने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने खुशी को हर हफ्ते सम्बन्धित पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगाने को भी कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सेशन कोर्ट को खुशी दुबे की जमानत के लिए शर्तें तय करने का निर्देश भी दिया है।
क्या हुआ था बिकरू गांव में
कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में 2-3 जुलाई 2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला बोल दिया था। उस सनसनीखेज वारदात में यूपी पुलिस के डीएसपी समेत आठ पुलिसवाले शहीद हो गए थे। बाद में विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया। उसका भतीजा और दाहिना हाथ माना जाने वाला अमर दुबे भी घटना के बाद फरार हो गया था लेकिन आठ जुलाई 2020 को हमीरपुर के मौदाहा में पुलिस ने उसे एक एनकाउंटर में मार गिराया।
खुशी दुबे को क्यों किया गया गिरफ्तार
पुलिस ने बिकरू कांड में खुशी दुबे को भी आरोपी बनाया था। चौबेपुर पुलिस ने खुशी को फर्जी सिम रखने के मामले में केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। बाद में शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर दावा किया गया कि वह नाबालिग है। प्रमाण पत्रों के हिसाब से उस समय खुशी की उम्र करीब 16 साल ही थी। लिहाजा, उसे बच्चा जेल में भेजा गया। कुछ महीने पहले बालिग होने पर खुशी दुबे को जेल में स्थानांतरित किया गया था।
यूपी का चुनावी मुद्दा बन गई थी खुशी
खुशी दुबे के जेल में बंद होने का मुद्दा पिछले यूपी के विधानसभा चुनाव में जोरशोर से उठा था। विपक्षी दल लगातार आरोप लगाते रहे कि खुशी दुबे को ब्राह्मण होने की वजह से जेल मे बंद किया गया है। कांग्रेस ने कानपुर की कल्याणपुर सीट से खुशी दुबे की बहन नेहा तिवारी को टिकट भी दिया था।
जेल में जुंबा डांस का वायरल हुआ था वीडियो
खुशी दुबे इस साल अप्रैल महीने में एक बार फिर तब चर्चा में आई थी जब कानपुर देहात जिला जेल से महिला बंदियों के जुंबा डांस का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। बताया गया कि खुशी दुबे ने जेल में महिला बंदियों के साथ जुंबा डांस किया। यह वीडियो वायरल होने पर जांच भी बैठी थी।