नेपाल की पेट्रोल और गैस संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत वहां पर सप्लाई पाइपलाइन बिछाने पर विचार कर रहा है। दोनों देशों के संयुक्त कार्यदल की बैठक में इस संभावना पर विचार किया गया। बैठक में दोनों देशों ने पेट्रोलियम के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विचार किया। पेट्रोलियम उत्पादों पर चर्चा के लिए गठित इस संयुक्त कार्यदल की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई। यह जानकारी भारतीय दूतावास ने दी है।
सीमा संबंधी विवाद और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बयानों से पैदा हुई तल्खी से उबरते हुए भारत और नेपाल ने सहयोग को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। बैठक में दोनों देशों के संबंधित मंत्रालयों के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों, काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के प्रतिनिधि, भारतीय तेल और गैस कंपनियों के अधिकारियों, नेपाल के वित्त और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों और नेपाल ऑयल कॉर्पोरेशन के प्रतिनिधि ने हिस्सा लिया। बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने मोतीहारी-अमलेखगंज पेट्रोलियम प्रोडक्ट पाइपलाइन के सही तरीके से कार्य करने पर संतोष व्यक्त किया।
इस पाइपलाइन का उद्घाटन सितंबर 2019 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने किया था। दक्षिण एशिया में यह अपनी तरह की अकेली पाइपलाइन है। इससे नेपाल की जरूरत का ज्यादातर पेट्रोल और डीजल भारत से भेजा जाता है और अमलेखगंज डिपो में उसका भंडारण होता है। बैठक में नेपाल में आपूर्ति के लिए नई पाइपलाइन बिछाने पर चर्चा की गई। साथ ही दोनों देशों की पेट्रोलियम कंपनियों के बीच सहयोग बढ़ाकर नई संभावनाओं पर कार्य करने की आवश्यकता जताई गई।