दुष्कर्म के बढ़ते आकड़ों को लेकर देश भर में सख्त कानून की मांग उठ रही है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी सख्त कदम उठाते हुए बुधवार को प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के साथ एडीजी महिला सुरक्षा, प्रमुख सचिव महिला कल्याण, प्रमुख सचिव न्याय और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल के साथ बैठक कर महिलाओं के प्रति अपराध की बढ़ती घटनाओं की समीक्षा की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों की क़ानूनी प्रक्रिया पर पैनी निगरानी की जाए और उसका फॉलोअप किया जाए. साथ ही ऐसे मनोवृति वाले लोगों में भय पैदा करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर फुट पेट्रोलिंग हो. डायल 100 के वाहन भी सक्रिय रहें. ऐसी घटनाओं मे कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सबकी जवाबदेही तय होगी. सीएम ने कहा कि एडीजी और आईजी जिलों में जाएं और ज़मीन पर जाकर हालात का जायज़ा ले और कार्रवाई सुनिश्चित करें. सीएम योगी ने कहा कि यह देखना होगा कि समाज में ऐसी मनोवृति क्यों बढ़ रही है और कैसे इस पर अंकुश किया जाएं.
सीएम योगी ने कहा कि नाबालिग से रेप पर फांसी का प्रावधान हो, इसके लिए वह केंद्र सरकार को लिखेंगे. उन्होंने कहा कि सभी जिलों के एसपी, डीएम जिले की शैक्षणिक संस्थाओं, व्यापार मंडल, एनजीओ को साथ लेकर जागरूकता फैलाएं. लोगों में सुरक्षा भाव पैदा करने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि स्कूलों चौराहों पर सार्वजनिक स्थलों पर सीसीटीवी लगाए जाएं. प्रदेश की महिला हेल्पलाइन 1090 और डायल 100 के बीच समन्वय बढ़ाया जाए. डॉक्टरों को रेप जैसे मामलों में मेडिकल करते समय संवेदनशीलता बरतने की ट्रेनिंग दी जाए. गौरतलब है कि उन्नाव रेप केस पर योगी सरकार फ़िलहाल सवालों के घेरे में है.
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