मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज लोक भवन में प्रदेश के विख्यात वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा हर व्यक्ति को एक सम्मानजनक जीवन जीने में विज्ञान की एक बहुत बड़ी भूमिका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में आज वैज्ञानिक सम्मान (वर्ष 2014-15 एवं 2015-16) समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज सभी वैज्ञानिकों और युवा वैज्ञानिकों को समानित होने पर बधाई। यह सम्मेलन दो वर्ष पूर्व होना था, लेकिन नहीं हो पाया। 2014-15 और 2015-16 में जिन वैज्ञानिकों, युवा वैज्ञानिकों और शिक्षकों का सम्मान होना चाहिए था। आज यहां पर उन सभी का सम्मेलन के माध्यम से सम्मान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे आम आदमी के जीवन में व्यापक बदलाव लाने के उद्देश्य से शोध करें और ऐसी तकनीक विकसित करें।
उन्होंने कहा कि यह तो सत्य है कि समाज को सम्मानजनक तरह से जीने में विज्ञान की बड़ी उपयोगिता है। विज्ञान की सोच ने मानवता में कितना फर्क दिखाया है, यह सभी के सामने है। उन्होंने कहा कि एक समय भीषण खाद्यान संकट था, लेकिन देश ने नई क्रांति की और आत्मनिर्भरता हासिल की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि खेती को विज्ञान से जोड़ा गया है, धरती माता को स्वायल हेल्थ कार्ड से जोड़ा गया है, बड़ी मात्रा में पेस्टिसाइड्स और केमिकल के फर्टिलाजर को बंद किया गया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था। समाज में सम्मानजनक जीवन जीने में विज्ञान की एक बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है। जब भी विज्ञान की ऊर्जा का संरचनात्मक उपयोग इस समाज ने किया है उससे समाज का एक बड़ा वर्ग लाभान्वित हुआ है।तकनीक के इस उपयोग ने आम जनता को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने के साथ-साथ उसके जीवन में आमूलचूल परिवर्तन किया है।
2014 से पहले किसी को सरकार से कोई सहायता लेनी है तो वह चेक पर निर्भर था कि चेक उसको मिलेगा फिर खाते में राशि जाएगी यानी समय से पैसा न मिलने की आम शिकायत होती थी। जैसे ही डीबीटी के माध्यम से डिजिटल पेमेंट की व्यवस्था शुरू हुई पैसा लाभार्थी के खाते में पहुंचने लगा।
वर्ष 2014-15 के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ उपेन्द्र नाथ द्विवेदी को विज्ञान गौरव तथा आइआइटी कानपुर के डॉ शलभ व इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ वेजिटेबल रिसर्च वाराणसी में बिजेंद्र सिंह को विज्ञान रत्न सम्मान।वर्ष 2015-16 के लिए एसजीपीजीआइ लखनऊ के डॉ निर्मल कुमार गुप्ता को विज्ञान गौरव तथा आइआइटीआर लखनऊ के डॉ रजनीश कुमार चतुर्वेदी व केजीएमयू लखनऊ के डॉ पूरन चन्द को विज्ञान रत्न सम्मान। विज्ञान गौरव के लिए पांच लाख रुपये और विज्ञान रत्न के लिए एक लाख रुपये का पुरस्कार मिला। विभिन्न श्रेणियों में कुल 41 वैज्ञानिक सम्मानित।