पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सोमवार को मानसा के गांव कोटली कलां के 19 साल के अग्निवीर शहीद अमृतपाल सिंह के घर पहुंचे और परिवार से सांत्वना जताई। सीएम ने परिवार को एक करोड़ रुपये का चेक भी सौंपा।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सोमवार को मानसा के गांव कोटली कलां के 19 साल के अग्निवीर शहीद अमृतपाल सिंह के घर पहुंचे और परिवार से सांत्वना जताई। सीएम ने परिवार को एक करोड़ रुपये का चेक भी सौंपा।
11 अक्तूबर को गई थी जान
अमृतपाल सिंह 10 दिसंबर 2022 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। 11 अक्तूबर को गोली लगने से बलिदान दिया। शहीद अमृतपाल सिंह की बहन कनाडा में रहती हैं। पिता गुरदीप सिंह ने कहा कि अमृतपाल ने अपनी भतीजी की शादी के लिए छुट्टी ली थी। कनाडा में रहने वाली बहन और अमृतपाल सिंह एक साथ घर आने वाले थे।
सेना के गॉर्ड ऑफ ऑनर न देने पर उठा था विवाद
अमृतपाल सिंह के शुक्रवार को हुए अंतिम संस्कार के दौरान सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिए जाने पर पंजाब के विपक्षी दलों ने दुख जताया है। हालांकि सेना ने बयान जारी कर अमृतपाल की मौत सर्विस राइफल से लगी गोली से होना बताया है। ऐसे में मौजूदा नीति के अनुसार गार्ड ऑफ ऑनर नहीं देने की बात कही है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कहा कि उनकी सरकार इस मामले पर केंद्र के समक्ष कड़ी आपत्ति जताएगी। मान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आगे कहा कि अमृतपाल की शहादत के संबंध में सेना की जो भी नीति हो, लेकिन उनकी सरकार की नीति शहीद के लिए वही रहेगी और राज्य की नीति के अनुसार सैनिक के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह देश के शहीद हैं।
शहीद परविंदर के घर पहुंचे सीएम
सीएम भगवंत मान सोमवार को सुनाम के गांव छाजली के शहीद परविंदर सिंह के घर पहुंचे। उनके साथ वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा भी थे। इस दौरान सीएम ने गांव में शहीद परविंदर की प्रतिमा लगाने की घोषणा की। साथ ही
अग्निवीर जवानों को लेकर केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाए। सीएम ने कहा कि शहीदों के परिवारों को संभालने की जिम्मेदारी को वे निष्ठा से निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने नौकरी नहीं दी तो पंजाब सरकार शहीद परविंदर सिंह की पत्नी को सरकारी नौकरी देगी।