देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (National Citizenship Register) के विरोध में गुरुवार को ‘गांधी शांति यात्रा’ की शुरुआत की गई. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में गांधी शांति यात्रा की शुरुआत की. 3000 किलोमीटर लंबी इस यात्रा को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह यात्रा मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू की गई.

सीएए को वापस लेने की मांग की
इस यात्रा में वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रकाश अंबेडकर और अन्य नेता शामिल हुए. पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा सीएए को वापस लेने और दिल्ली के जेएनयू हमले जैसी ‘सरकार प्रायोजित हिंसा’ की उच्चतम न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर गुरुवार को मुंबई से शुरू हो चुकी बहुराज्यीय यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं
दिल्ली के राजघाट पर समाप्त होगी यह यात्रा
सिन्हा ने मुंबई में पत्रकारों से कहा कि ‘गांधी शांति यात्रा’ के दौरान सरकार से यह मांग भी की जाएगी कि वह संसद में घोषणा करे कि राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) नहीं कराई जाएगी.’ यात्रा महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से होकर 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर समाप्त होगी. इस दौरान तीन हजार किलोमीटर का सफर तय किया जाएगा.
ये बड़े नेता भी हुए शामिल
यात्रा में किसान संगठनों समेत विभिन्न संगठनों के हिस्सा लेने की संभावना है. संवाददाता सम्मेलन में सिन्हा के साथ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और विदर्भ से कांग्रेस नेता आशीष देशमुख मौजूद थे.
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