पसीना तो दुर्गंध रहित होता है, लेकिन कुछ बैक्टीरिया पसीने में मिलकर दुर्गंध पैदा करते हैं। हमारे खानपान में शुमार कुछ चीजें और धूम्रपान शरीर की दुर्गंध का कारण बनते हैं। ये चीजें क्या हैं और किस तरह शरीर को प्रभावित करती हैं, इसे समझने की जरूरत है।
आहार विशेेषज्ञ कविता देवगन कहती हैं, ‘शरीर की दुर्गंध के लिए एक खास तरह का जीन जिम्मेदार होता है। इसमें गड़बड़ी के कारण बदबू की समस्या होती है। यह दुर्गंध तब बनती है, जब सोया, राजमा, अंडे, जीरा, लहसुन, मछली, प्याज और डेयरी उत्पादों जैसे खाद्य पदार्थ अधिक मात्रा में भोजन में शामिल किए जाते हैं। वहीं गर्मी में अत्यधिक पसीना इस दुर्गंध को और बढ़ा देता है।
पसीने की दुर्गंध को दूर करने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव की जरूरत है। साथ ही इससे दो मोर्चों पर लड़ने की जरूरत है- पहला, स्वच्छता की कमी से त्वचा पर पनपने वाले बैक्टीरिया को खत्म करना और दूसरा, अपने भोजन को संतुलित रखना। इसके अलावा कुछ अन्य एहतियात बरतकर इस समस्या से लड़ा जा सकता है, जैसे कई बार चीनी की अधिकता व ज्यादा वसा और कम फाइबर युक्त आहार के साथ कुछ एंटी-बायोटिक दवाएं भी पाचन के संतुलन को बिगाड़ने का काम करती हैं व शरीर की गंध को उत्तेजित करती हैं, जिससे सांस आैर शरीर की गंध जैसे लक्षण परेशान करते हैं।
डिटॉक्सीफिकेशन के लिए एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर आहार लें। सब्जियां और फल बॉडी के लिए डिटॉक्सीफिकेशन का काम करते हैं, इसलिए पर्याप्त फाइबर युक्त भोजन व हरी पत्तेदार सब्जियों को आहार में शामिल करें। ये शरीर के विषाक्त पदार्थों के प्रभाव को कम करते हैं। कॉफी और शराब जैसे पेय का अत्यधिक सेवन आैर धूम्रपान भी इस दुर्गंध की वजह बनते हैं, इनसे बचें। खूब पानी पिएं और संतुलित आहार लें। प्रोटीन, साबुत अनाज, दाल आदि का सेवन करें। धनिये और पुदीने को अपने खानपान में शामिल करें। अत्यधिक मसालेदार भोजन भी पसीने की दुर्गंध के लिए जिम्मेदार है। अतः तीखे भोजन से बचें। प्रोस्सेड फूड भी बदबू के लिए जिम्मेदार होते हैं। साथ ही वैसे फूड आइटम्स से दूरी बनाएं, जिसमें लाइसीन, कोलीन या लेक्थीन हो। जैसे सोया प्रोडक्ट, कॉर्न, गेहूं चॉकलेट, नट्स किशमिश आदि। अपने आहार में प्रोबायोटिक शामिल करें, ये शरीर में पीएच बैलेंस को सही कर, पाचन प्रक्रिया में सुधार करते हैं। ’
इसके अलावा त्वचा संबंधी कुछ समस्याएं भी पसीने की दुर्गंध को बढ़ाती हैं। इसके लिए चिकित्सक से मिलें आैर उचित सलाह लें। साथ ही साफ-सफाई का ध्यान रखें। तनाव को लोग दुर्गंध का कारण नहीं समझते, मगर पसीने की दुर्गंध के लिए तनाव भी जिम्मेदार है। तनाव के समय शरीर से अधिक पसीना निकलता है। इस दौरान शरीर में कार्टिसोल नाम का हार्मोन बनता है और बैक्टीरिया पसीने में मिलकर शरीर की दुर्गंध को बढ़ाता है।
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