सिर्फ एक ‘धंधे’ के दम पर उड़ता है बांग्लादेश, अब वो भी छिनेगा

बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था टेक्सटाइल सेक्टर पर निर्भर है, लेकिन भारत से बिगड़ते रिश्ते और अंदरूनी अव्यवस्था के कारण यह सेक्टर कमजोर हो रहा है। नवंबर में भारत का कपड़ा निर्यात 285.58 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल से 9.4 फीसदी ज्यादा है। राजनीतिक उथल-पुथल और बिजली संकट के कारण बांग्लादेश की सप्लाई चेन प्रभावित हुई है, जिससे भारत एक ‘सुरक्षित विकल्प’ के रूप में उभरा है।

सिर्फ एक धंधे के सहारे खड़ी बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था (Bangladesh Crisis) अब डगमगाने लगी है, और इसकी सबसे बड़ी वजह है- भारत से बिगड़ते रिश्ते और अंदरूनी अव्यवस्था। जिस टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट (RMG) सेक्टर पर बांग्लादेश का भविष्य टिका था, वही सेक्टर अब भारत के लिए मौका बनता जा रहा है। नवंबर के आंकड़े साफ बता रहे हैं कि दुनिया का भरोसा (global apparel shift to India) अब तेजी से बांग्लादेश से खिसककर भारत की तरफ बढ़ रहा है ।

नवंबर महीने में भारत का कपड़ा और परिधान निर्यात 285.58 करोड़ डॉलर (India textile exports) तक पहुंच गया। यह पिछले साल की तुलना में 9.4 फीसदी ज्यादा है। नवंबर 2024 में यह आंकड़ा करीब 260.15 करोड़ डॉलर था। इस ग्रोथ में रेडीमेड गारमेंट्स, कॉटन प्रोडक्ट्स, मैनमेड फैब्रिक्स और हस्तशिल्प तक शामिल हैं। यह उछाल सीधे तौर पर बांग्लादेश के लिए झटका है, क्योंकि लंबे समय से वही ग्लोबल RMG मार्केट में भारत का सबसे बड़ा मुकाबलेदार रहा है।

दुनिया के लिए कैसे ‘सुरक्षित विकल्प’ रहा भारत?

बांग्लादेश की मुश्किलें सिर्फ कारोबार तक सीमित नहीं हैं। वहां पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक उथल-पुथल, मजदूरों के लगातार विरोध प्रदर्शन और बिजली संकट ने पूरी सप्लाई चेन को हिला दिया है। फैक्ट्रियां समय पर ऑर्डर पूरे नहीं कर पा रहीं, शिपमेंट लेट हो रहे हैं और ग्लोबल ब्रांड्स का भरोसा (Bangladesh garment crisis) टूट रहा है। नतीजा यह है कि जो इंटरनेशनल खरीदार पहले पूरी तरह बांग्लादेश पर निर्भर थे, वे अब जोखिम कम करने के लिए भारत को ‘सुरक्षित विकल्प’ मानने लगे हैं।

50% टैरिफ के बावजूद अमेरिका में मजबूत पकड़

दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका जैसे बड़े बाजार में भी भारत अपनी पकड़ मजबूत बनाए हुए है, जबकि वहां भारतीय उत्पादों पर 50 फीसदी (US tariffs Indian apparel) तक का भारी टैरिफ है। इसके बावजूद अमेरिका भारत के कपड़ा और परिधान उद्योग का सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना हुआ है। 2024-25 में भारत के टेक्सटाइल और अपैरल सेक्टर का कुल आकार 179 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें 142 अरब डॉलर घरेलू बाजार और 37 अरब डॉलर निर्यात (Indian cotton products export) से आएगा।

11 महीने में 3256 करोड़ डॉलर का रहा निर्यात

अलग-अलग कैटेगरी में ग्रोथ भी भारत की ताकत दिखाती है। नवंबर में RMG में 11.3 फीसदी, मैनमेड यार्न और फैब्रिक्स में 15.7 फीसदी, कॉटन और हैंडलूम प्रोडक्ट्स में 4.1 फीसदी और हस्तशिल्प में करीब 29.7 फीसदी की जबरदस्त बढ़त दर्ज की गई। जनवरी से नवंबर 2025 के बीच कुल टेक्सटाइल निर्यात 3,256 करोड़ डॉलर रहा, जो पिछले साल से ज्यादा है।

अर्थव्यवस्था का 80% निर्यात राजस्व टेक्सटाइल से

इसके उलट बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था का करीब 80 फीसदी निर्यात राजस्व सिर्फ टेक्सटाइल सेक्टर से आता है। अगर भारत इसी रफ्तार से आगे बढ़ता रहा तो बांग्लादेश के लिए अपने सबसे अहम उद्योग को बचा पाना मुश्किल हो जाएगा। भारत के पास कच्चे कपास की मजबूत उपलब्धता, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और लेबर रिफॉर्म्स जैसे फायदे हैं, जबकि बांग्लादेश अब भी कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर है।

ये आंकड़े साफ बताते हैं कि भारत से रिश्ते बिगाड़ने और अंदरूनी हालात न संभाल पाने की कीमत बांग्लादेश को अपने सबसे बड़े ‘धंधे’ से चुकानी पड़ सकती है। दुनिया के लिए भारत अब सिर्फ विकल्प नहीं, बल्कि भरोसेमंद और सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है।

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